अखिल विश्व गायत्री परिवार की आध्यात्मिक श्रृंखला के अंतर्गत अयोध्या नगर एक्सटेंशन में पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न


भोपाल। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में देशभर में चल रही राष्ट्र शौर्य संवर्धन गायत्री महायज्ञ श्रृंखला के अंतर्गत रविवार को अयोध्या नगर एक्सटेंशन सेक्टर–D स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर में एक दिवसीय पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जन-जन में आध्यात्मिक जागरण, नैतिक विकास तथा नागरिकों में राष्ट्रीय चेतना का संवर्धन करना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन कलश यात्रा से हुई, जिसमें कॉलोनी की सुहागिन बहनों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और मोहल्ले के प्रत्येक घर तक यज्ञ की सूचना पहुंचाई। इसके पश्चात मंदिर प्रांगण में पाँच कुण्डों वाला गायत्री महायज्ञ दो पारियों में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने आहुतियाँ अर्पित कर आध्यात्मिक ऊर्जा का लाभ लिया।
गायत्री परिवार के स्थानीय मीडिया प्रभारी श्री रमेश नागर ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता, एकता और संस्कारात्मक परिवर्तन की धारा प्रवाहित होती है। उन्होंने बताया कि यज्ञ के दौरान जन्मदिन, विवाह वर्षगाँठ, पुंसवन, अन्नप्राशन आदि शास्त्रोक्त संस्कार भी निःशुल्क कराए जाते हैं, जिनसे पारिवारिक और सामाजिक जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
साथ ही, उन्होंने उपस्थित नागरिकों को राष्ट्र की आत्मनिर्भरता की दिशा में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संचालन शांतिकुंज प्रतिनिधि टोली नायक श्री सदानंद अंबेकर द्वारा हुआ, जिन्होंने यज्ञ, संस्कार और उनके वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्त्व पर प्रकाश डाला। उनके साथ श्री वासुदेव डांगे जी तथा स्थानीय टोली के विद्वानों—डॉ. दयानंद समेले, श्री सुखदेव डांगे, श्री दशरथ कुशवाहा आदिने मंत्रोच्चार एवं यज्ञ प्रक्रिया संपन्न कराई।
इस आयोजन में महिला मंडल का उत्कृष्ट सहयोग रहा। श्रीमती चंद्रकला धाड़से, विमला सावले, राधा गीते, चढ़ोकर बहन जी सहित अनेक बहनों ने आयोजन की व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसी प्रकार श्री विनोद मालवीय, श्री चढ़ोकर, श्री पी.एन. देशमुख, गीते जी,शझारिया ने परदे के पीछे रहकर पूरे मनोयोग से कार्य करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
पूरे आयोजन के दौरान स्थानीय नागरिकों में उत्साह, श्रद्धा और आध्यात्मिक उमंग देखते ही बनती थी। कार्यक्रम के सफल समापन पर सभी ने एक सशक्त, संस्कारित और स्वावलंबी भारत के निर्माण का संकल्प लिया।

