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डिजिटल एम.बी. के माध्यम से ही होगा वेंडर व कांट्रेक्टरों का भुगतान: ऊर्जा मंत्री  तोमर

एम.पी. ट्रांसको ने डिजिटाइजेशन की दिशा में बढ़ाया एक और प्रभावी कदम

भोपाल। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने कार्यालयीन प्रक्रियाओं में आधुनिक तकनीकों को शामिल करते हुए डिजिटाइजेशन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी कि कंपनी द्वारा किए गए कार्यों के बिलों का भुगतान अब डिजिटल एम.बी. (मापन पुस्तिका) के माध्यम से ही किया जाएगा। पहले यह प्रक्रिया मैन्युअल रूप से भौतिक मापन पुस्तिका में की जाती थी।

उन्होंने बताया कि एम.पी. ट्रांसको के समस्त विभागों में डिजिटल एम.बी. का उपयोग अब अनिवार्य कर दिया गया है। इससे न केवल भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है, बल्कि वेंडर और ठेकेदार अपने बिल की वर्तमान स्थिति से अवगत रहते हैं तथा समय पर भुगतान भी प्राप्त कर रहे हैं।

इन-हाउस किया गया विकास:-
एम.पी. ट्रांसको के अधीक्षण अभियंता श्री अजय पांडे ने बताया कि यह डिजिटल एम.बी. सॉफ्टवेयर कंपनी की आई.टी. और ई.आर.पी. सेल द्वारा वित्त विभाग के सहयोग से इन-हाउस विकसित किया गया है। यह सॉफ्टवेयर वेंडर व कांट्रेक्टर के कार्यों के अनुसार पार्ट पेमेंट की सुविधा भी प्रदान करता है। इसमें किए गए कार्य, उपयुक्त मटेरियल, शेष कार्य व सामग्री का आकलन कर स्वतः भुगतान राशि का निर्धारण हो जाता है।

डिजिटल एम.बी. क्या है?
डिजिटल एम.बी. (मापन पुस्तिका) एक ऐसा डिजिटल दस्तावेज है जिसमें सरकारी कार्यालयों में बाहरी एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों व आपूर्ति किए गए सामान की माप/गिनती दर्ज होती है। यह भुगतान प्रक्रिया का मूल अभिलेख होता है और कार्य की वास्तविकता को प्रमाणित करता है।

 

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