आरक्षण को धरातल पर नहीं उतारना चाहते राजनीतिक दल
आरक्षण के संदर्भ में सभी बड़े राजनैतिक दलों की नीतियां एक समान
जातिगत जनगणना समसामयिक आवश्यकता है।
भोपाल ।समग्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेश संयोजक राम विश्वास कुशवाहा ने जातिगत जनगणना कराई जाने की केंद्र एवं राज्य सरकार से अपील करते हुए कहां है कि देश दशकीय जनगणना करने की तैयारी में है,देश मे सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए जनगणना में जातिगत जनगणना का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए , यह समसामयिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में मकान, दुकान, फैक्ट्री, स्कूल ,कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, नदी,तलाब, पहाड़, पशु, पक्षी, जानवर, पेड़-पौधों सड़क, रास्ते, पगडंडियों, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, इत्यादि के आंकड़े सरकार के पास हैं किंतु देश की विडंबना है कि ओबीसी की जातियों की जनगणना कराई जाना सरकार के मिशन में नहीं है।श्री कुशवाहा ने कहा है कि वर्तमान शासकीय, अशासकीय, संस्थानों में लोकसभा, विधानसभा, राज्य परिषदों, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायतो के अधीन निवास कर रहे लोगों के मूलभूत सुविधाओं का संचालन संख्या आधारित है, यहां तक की सभी राजनीतिक पार्टियां जातियों के आधार पर टिकटों का वितरण मंत्रिमंडल का गठन कर रही है, ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि सभी जातियों की जातिगत जनगणना कराई जाए, इससे लोकतंत्रात्मक व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी ।श्री कुशवाहा ने केंद्र सरकार से भारतीय संविधान के अनुसूची 9 में ओबीसी की जातियों को सम्मिलित कर जनसंख्या आधारित प्रतिनिधित्व देने की अपील की है, उन्होंने कहा कि आरक्षण सामाजिक आर्थिक स्थिति को समदर्शी बनाने के लिए प्रावधानित किया गया है, जिसका पालन किया जाना समय की मांग है।श्री कुशवाहा ने बड़े राजनीतिक दलों से अपील की है कि आरक्षण की व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सबसे पहले राजनैतिक दल अपने-अपने संगठनात्मक नियम एवं नियमावली में संशोधन कर आरक्षण को प्रतिस्थापित करें, तथा ” एक साथ -एक स्वर” से आगामी समय में होने वाले दशकीय जनगणना में जातिगत जनगणना कराने की सार्थक भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।