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बांग्लादेश में फिर गरमाई सियासत, जुलाई विद्रोह की बरसी से पहले कई दलों ने निकाला शक्ति प्रदर्शन

ढाका में रविवार को बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उफान पर आ गई, जब नेशनल सिटिजन पार्टी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के छात्र संगठन जातीयताबादी छात्र दल ने अलग-अलग रैलियां निकालीं। ये रैलियां पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार को सत्ता से हटाने वाले ‘जुलाई विद्रोह’ की पहली बरसी के मद्देनजर आयोजित की गईं थीं।ढाका के सेंट्रल शहीद मीनार में आयोजित रैली में NCP ने अपने 24 सूत्रीय घोषणापत्र को जारी किया। पार्टी संयोजक नाहिद इस्लाम ने ‘न्यू बांग्लादेश’ और ‘सेकेंड रिपब्लिक’ की मांग करते हुए मौजूदा संविधान को खत्म कर संविधान सभा के जरिए नया संविधान बनाने की बात कही। घोषणापत्र में रैपिड एक्शन बटालियन को भंग करने, पिछले शासन के दौरान हुए फर्जी एनकाउंटर और गुमशुदगियों पर सख्त कार्रवाई की बात भी शामिल है।

नए मतदाताओं को आह्वान
वहीं दूसरी ओर बीएनपी के छात्र संगठन जेसीडी ने ढाका के शहबाग इलाके में रैली की। रैली में छात्रों और पहली बार वोट देने वालों से अपील की गई कि वे पार्टी के चुनाव चिह्न ‘धान की बाली’ को वोट दें। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारीक रहमान ने लंदन से वर्चुअल संबोधन में कहा कि बांग्लादेश अब प्रतिशोध की राजनीति से आगे बढ़ना चाहता है और सबको मिलकर एक नया भविष्य बनाना होगा।

टकराव से बचने की कोशिश
रैली आयोजकों ने टकराव की आशंका को देखते हुए समय और स्थान में बदलाव कर एक-दूसरे से दूरी बनाई। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके में कड़ी निगरानी रखी और अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई। हालांकि बीएनपी ने एनसीपी की ‘सेकेंड रिपब्लिक’ की मांग को खारिज कर दिया।

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