बजट पूर्व वक्तव्य : मनोज मीक, कैपिटल रीजन एनालिस्ट,
2024-25 के बजट में, मध्यप्रदेश ने अपनी कुल व्यय का 2.7% शहरी विकास के लिए आवंटित किया, जो अन्य राज्यों द्वारा आवंटित राष्ट्रीय औसत 3.4% से कम है। यह अपर्याप्त निवेश हमारे शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और सेवा प्रदायगी में चुनौतियाँ उत्पन्न करता है। बजट में इस आवंटन को राष्ट्रीय औसत से अधिक बढ़ाना आवश्यक है ताकि हमारी शहरी आबादी की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।मध्यप्रदेश सरकार के बजट से राज्य में शहरी विकास, रियल एस्टेट सुधारों और राजधानी के लिए दसकों से लंबित पोस्ट इंडस्ट्रियल डिजास्टर रिडेवलपमेंट पर ठोस नीतिगत निर्णयों की अपेक्षा है। भोपाल देश का प्रमुख निवेश केंद्र बनने की क्षमता रखता है, उसे लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट, सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। समय पर शहरों की विकास योजनाएँ लागू करने तथा बजट प्रावधान कर इसे जमीन पर उतारने की जरूरत है।औद्योगिक आपदा प्रभावित राजधानी का पुनर्विकास अभी तक बजट का हिस्सा नहीं बन पाया है, हमें विशेष आर्थिक क्षेत्र, स्मार्ट इंडस्ट्रियल हब और जल संसाधन पुनर्जीवन परियोजनाओं की आवश्यकता है। इस बजट में भोपाल को एक स्मार्ट, सतत और वैश्विक निवेश केंद्र बनाने के लिए ठोस कार्ययोजनाएँ होनी चाहिए, ताकि यह शहर औद्योगिक त्रासदी का प्रतीक नहीं, बल्कि शहरी उत्कृष्टता का मॉडल बने।