विकास के नाम पर जमीन छीनने और किसानों से की गई खरीदी की राशि नहीं मिलने का किया विरोध
मध्यप्रदेश किसान महासभा के जनांदोलन में जुटे सैकड़ों किसान

भोपाल। मध्यप्रदेश किसान महासभा के आह्वान पर राजधानी स्थित शाहजहानी पार्क में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। जनांदोलन में शामिल लोगों की मांग थी कि मध्य प्रदेश में भूमि संबंधी समस्याएं और मामले अत्यंत खराब स्थिति में है। जमीनों की लूट सब तरफ जारी है। भूमिहीन, गरीब किसानों, आदिवासी समुदाय को जमीन के पट्टे देने के बजाय कार्पोरेट्स कंपनियों को पट्टे देने की कार्यवाहियां जारी है। स्थिति यहां तक है कि जंगलों, बीहड़ों और पहाड़ों की जमीन को भी निजी कार्पोरेट्स कंपनियों को सौंपने की तैयारी है। इस चिंताजनक है।मध्यप्रदेश किसान महासभा के प्रदेश महामंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि सरकार विकास के नाम पर गरीबों और किसानों की जमीन छीन रही है अटल एक्सप्रेस-वे कारिडोर भिंड, मुरैना और श्योपुर के करीब एक लाख लोगों की जमीन छीनी जा रही है और उन्हें मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है। यादव ने कहा कि ग्वालियर में एक हजार किसानों से धान की 8 करोड़ की खरीदी की गई और करीब एक साल हो गए लेकिन फसल की राशि नहीं दी गई है। भारतीय जनवादी महिला संगठन की अरुणा ने कहा कि सरकार द्वारा विकास के नाम पर गरीबों की जमीन छीनने का हम विरोध करते हैं और मध्यप्रदेश किसान महासभा के समर्थन में हम यहां पर एकत्र हुए हैं।
स्थिति में हम ज्ञापन प्रस्तुत कर निम्नानुसार मांग करते हैं कि –
1/ मध्य प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के नाम पर अनावश्यक भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही रोकी जाए। जहां भी अत्यंत आवश्यक हो वहीं पर जन हितेषी परियोजनाओं के लिए ही भूमि अधिग्रहण किया जाए। भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही भूमि अधिग्रहण कानून 2013 (केंद्रीय) के प्रावधानों के अंतर्गत ही की जाए। बिना उचित मुआवजा दिए। लैंड पूलिंग नहीं किया जाए। 2/ जंगलों, बीहड़ों, पहाड़ों की भूमि को निजी कॉरपोरेट्स कंपनियों को नहीं सोप जाए।
3/ प्रदेश में पीडयिों से शासकीय भूमि पर काबिज भूमिहीन, गरीब किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति के भूमिहीन किसानों को कृषि भूमि के पट्टे दिए जाएं। कार्पोरेट्स कंपनियों को जमीन आवंटित नहीं की जाए।
4/ प्रदेश में जंगलों में निवास कर रहे आदिवासी परिवारों को वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत कृषि भूमि और आवास के पट्टे दिए जाएं। उन्हें अनावश्यक रूप से बेदखल करने की कार्रवाई रोकी जाए।
5/ नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पीढयों से शासकीय भूमि पर निवास कर रहे आवासहीन परिवारों को आवास के पट्टे और आवास
स्वीकृत किए जाएं। उन्हें अनावश्यक रूप से बेदखल नहीं किया जाए।
5/ अतिवृष्टि और जल भराव से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा सर्वे कराकर तत्काल किसानों को दिलाया
जाए।
6/ किसानों की खाद की समस्या का निराकरण तत्काल किया जाए। वितरण केंद्र बढ़ाए जाएं। खाद का स्टॉक बढ़ाया जाए और ज्यादा मात्रा में डीएपी और यूरिया खाद उपलब्ध कराया जाए।
7/ बिजली का निजीकरण नहीं किया जाए। स्मार्ट मीटर लगाने की कार्रवाई रोकी जाए। किसानों के पुराने लंबित विद्युत बिलों को माफ किया जाए। बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएं। उन्हें किसानों और अन्य उपभोक्ताओं के लिए कम किया जाए।
8/ आवारा पशुओं की समस्या हल की जाए। उसका समुचित व्यवस्थापन एवं प्रबंधन किया जाए।
9/ किसानों की सभी फसलों की एम एस पी पर गारंटीड खरीदी के लिए कानून बनाया जाए।
11/प्रदेश में बंद किया जा रहे शासकीय स्कूलों पर रोक लगाई जाए और शिक्षा के लोक व्यापीकरण के लिए नए स्कूल भी खोले
जाए।
12/ सभी बेरोजगारों को रोजगार देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
13/अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प के भारतीय मालों और क्षि उत्पादों पर लगाये जा रहे टैरिफ के दबाव में झुकना बंद करो। भारत की कृषि, उद्योग और रोजगार के हितों की हिफाजत के लिए दृढ़ा के साथ खडे हो।
कुछ महत्वपूर्ण स्थानीय मांगें
(ब) मुरैना जिले के अंतर्गत भेग में रेट (सबलगढ़ बाईपास का एलाइनमेंटলেন সেল বিভা तालाब सबलगढ़ का निर्माण कार्य तत्काल कराया जाए। इस तालाब के फटने से जलभरा
समुचित मुआवजा प्रभावित किसानों को दिया जाए। (स) ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। उन्हें उदेश
बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा दिया जाए। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई, भूमि अधिग्रहण कानून 2013পুর
जाए। (द) संजय गांधी नेशनल पार्क के नाम पर सीधी और शहडोल जिले के गांव में जबरिया विचार
(३) कान्हा नेशनल पार्क के विस्तार के नाम पर बालाघाट और मंडला जिले के 100 से अधिक प्र इन गांवों को रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में शामिल शामिल करने पर रोक लगाई जाए।
(फ) चुटका परियोजना बसनिहा बांध और नर्मदा घाटी पर दूधी बांध सहित अन्य बांधों के नाम पर जा अधिग्रहण पर रोक लगाई जाये।
अतः किसानों की उपरोक्त समस्याओं मांगों को लेकर ज्ञापन प्रस्तुत है।
आशा है आप किसान हित में लोक हित में खेती किसानी को बचाने के लिए इन पर गंभीरतापूर्वक विचार
आवश्यक कार्यवाही करेंगे। इसी उम्मीद के साथ ज्ञापन प्रस्तुत है।