बता दें कि आईपीएस वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले को पांच दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। चंडीगढ़ पुलिस ने इस केस की जांच के लिए आईजी पुष्पेंद्र कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है। इसमें दो एसपी रैंक, दो डीएसपी रैंक और एक एसएचओ को शामिल किया गया है। शनिवार को वाई पूरन के भाई ने अपने आवास के बाहर इस मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, सरकार और पुलिस, इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे। आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन, जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती है, इस केस में चुप रहीं। विपक्षी नेताओं के द्वारा और सोशल मीडिया में जब इन दोनों एसोसिएशनों की चुप्पी को लेकर तीखे कटाक्ष किए गए तो शुक्रवार को आईपीएस एसो. सामने आई। हालांकि इसमें भी घटना पर केवल दुख ही जताया गया है। दूसरी तरफ, आईएएस एसोसिएशन ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह बात उल्लेखनीय है कि आईपीएस वाई पूरन कुमार की पत्नी हरियाणा में सीनियर आईएएस अधिकारी हैं। आईपीएस एसोसिएशन ‘हरियाणा कैडर’ की तरफ से 10 अक्तूबर को प्रतिक्रिया दी गई है। इसके अध्यक्ष आईपीएस संजय कुमार हैं। शोक प्रस्ताव में कहा गया है कि एसोसिएशन इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। हरदीप सिंह दून, एडीजीपी टेलीकॉम/हाईवे एंड ट्रैफिक के नेतृत्व में आईपीएस अफसरों का एक प्रतिनिधिमंडल, पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार से मिलने गया है। एसोसिएशन ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। खास बात है कि आईपीएस एसोसिएशन ‘हरियाणा कैडर’ ने इस केस की जांच को लेकर कुछ नहीं कहा। दूसरी तरफ ‘हरियाणा आईएएस ऑफिसर एसोसिएशन’ ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि दिवंगत आईपीएस वाई पूरन कुमार की जनसेवा को लेकर जो इच्छाशक्ति रही, सम्मान के साथ याद रखी जाएगी।