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बदनाम औरतों के आगोश में डूबे रहते थे राज कपूर, परेशान थे पिता पृथ्‍वीराज, डायरेक्‍टर से कहा- सुंदर हीरोइन देना

शोमैन’ राज कपूर की फिल्‍मों ने हिंदी सिनेमा को दुनियाभर में पहचान दिलाई। राज एक ऐसे फिल्‍मकार हुए, जिन्‍होंने पर्दे पर ना सिर्फ एक से बढ़कर कहानियां गढ़ीं, बल्‍क‍ि बदलते समय के साथ फिल्‍मों संग बहुत सारा प्रयोग भी किया। पर्दे पर मजलूमों का दर्द दिखाना हो या ग्‍लैमर का तड़का लगाना हो, राज कपूर की सोच और उनकी फिल्‍में हमेशा अपने समय से आगे रहीं। लेकिन एक बेहतरीन फिल्‍ममेकर बनने का उनका यह सफर विवादों से अछूता भी नहीं रहा। दिग्‍गज और दिवंगत डायरेक्‍टर किदार शर्मा ने अपने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि कैसे पृथ्वीराज कपूर अपने बेटे राज कपूर से परेशान हो गए थे। इस कदर कि उनसे लगभग नाता तोड़ चुके थे। यह वह दौर था, जब जवानी की दहलीज पर कदम रख रहे राज कपूर को रेड लाइट एरिया में जाने की लत लग चुकी थी! तब पृथ्‍वीराज से दोस्‍ती का फर्ज निभाने के लिए किदार ने राज की जिम्‍मेदारी ली। डायरेक्‍टर ने बताया एक बार उन्‍होंने गुस्‍से में राज कपूर को थप्‍पड़ भी मार दिया था। ‘प्रसार भारती’ को दिए एक पुराने इंटरव्‍यू में, किदार शर्मा ने उस किस्से को याद किया जब उनहोंने राज कपूर को ‘नील कमल’ में कास्‍ट किया था। किदार शर्मा उन दिनों पृथ्‍वीराज कपूर के असिस्‍टेंट डायरेक्‍टर भी थे। वह बताते हैं कि एक पिता के तौर पर पृथ्‍वीराज कपूर को समझ नहीं आ रहा था कि बेटे को कैसे सुधारे।

पृथ्‍वीराज कपूर ने कहा- उसने पढ़ाई छोड़ दी, उसके साथ रहना मुश्‍क‍िल है

किदार शर्मा ने कहा, ‘राज को थप्‍पड़ मारने का मुझे बहुत पछतावा हुआ था, लेकिन सेट पर उनकी बेतुकी हरकतों को देखने के बाद ही मुझे पता चला कि यह लड़का इस तरह के रोल के परफैक्‍ट रहेगा। मैंने देखा कि मेरे दोस्त, पृथ्वीराज कपूर अपने बेटे से बहुत नाराज थे। मैंने उनसे पूछा कि क्या बात है, तो उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा जवानी की दहलीज पर पहुंच चुका है। वह पक्षियों और मधुमक्खियों के बारे में जानना चाहता है। उसने पढ़ाई छोड़ दी है और उसके साथ रहना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। मैं उस पर हाथ नहीं उठा सकता, मुझे नहीं पता क्या करना चाहिए।’

लड़के को मेरे पास छोड़ दो, सीधा कर दूंगा’

‘बावरे नैन’ और ‘जोगन’ जैसी फिल्‍मों के डायरेक्‍टर किदार ने आगे बताया, ‘मैंने उनसे कहा- लड़के को मेरे पास छोड़ दो, मैं उसे स्कूल मास्टर की तरह सीधा कर दूंगा। बस एक ही शर्त है कि आप आगे दखल नहीं देंगे।’ डायरेक्‍टर ने बताया कि अगले दिन, राज कपूर एक आज्ञाकारी बालक की तरह उनके तीसरे असिस्‍टेंट के रूप में काम करने के लिए आ गए। कुछ दिनों बाद, उन्‍होंने देखा कि जब भी रोल और शूट के लिए क्‍लैप की जरूरत होती, राज कपूर अपने बालों में कंघी करते और कैमरे के लेंस को आईने की तरह इस्तेमाल करते।

गुस्‍से में क‍िदार शर्मा ने राज कपूर को मारा थप्‍पड़

किदार शर्मा ने कहा, ‘मैंने उसे कई बार ऐसा करने से मना किया, लेकिन कई चेतावनियों के बाद भी उसने फिर से ऐसा किया। मेरा पंजाबी खून खौल रहा था। मैंने उसे बुलाया और उसके चेहरे पर थप्पड़ जड़ दिया। मेरी हथेली के निशान से उसका चेहरा लाल हो गया। हालांकि, इसके तुरंत बाद मुझे बहुत ग्लानि हुई और उस रात नींद भी नहीं आई। मुझे लगा कि वह गुस्से में आग बबूला हो जाएगा और मुझे याद दिलाएगा कि उसका बाप कौन था, लेकिन उसने एक शब्द भी नहीं कहा। वह मुस्कुराया और चला गया।’
क‍िदार शर्मा ने बताया- राज अक्‍सर रेड लाइट ए‍र‍िया जाता था

किदार शर्मा ने टेलीविजन शो ‘एक मुलाकात’ के एक एपिसोड में भी यह किस्‍सा सुनाया था, लेकिन तब डिटेल थोड़ी अलग थी। उन्‍होंने कहा था, ‘पृथ्वी मेरा बहुत सम्मान करता था। मैंने देखा कि एक दिन वह बहुत उदास था, लगभग रोने के कगार पर था। एक दोस्त की तरह, मैंने उससे हाथ जोड़कर कहा कि मुझे नहीं पता समस्या क्या है, लेकिन अगर मैं कुछ मदद कर सकूं तो बता देना। इस पर उसने मुझसे कहा कि राज अपनी किशोरावस्था से परेशान है। पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय, वह अक्सर रेड लाइट एरिया जाता है और औरतों से मिलता है। इस पर मैंने पृथ्‍वी से कहा कि अब और चिंता मत करो, मैं उसे वापस सही रास्ते पर ला दूंगा।’

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