श्रीमद् भागवत कथा की शिक्षा से घर में होती है रामराज्य की स्थापना:पं०सुशील महाराज

श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम ग्राम निपानिया जाट बैरसिया रोड पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिवस पं०सुशील महाराज ने राजा परीक्षित और कलयुग के संवाद की कथा श्रोताओं को सुनाई। आचार्य श्री ने बताया कि श्रीमद् भागवत के इस संवाद की कथा में छिपी गूढ़ शिक्षा को जो भी ब्यक्ति अपने जीवन में उतार देगा।उसके घर में राम राज्य की स्थापना हो जाती है।राजा परीक्षित ने कलयुग को रहने के लिए पांच स्थान दिये थे। मदिरालय,वैश्यालय,हिंसालय,जुंआघर, एवं सोना(स्वर्ण)रहने के लिए स्थान दिये थे।इन पांच स्थानों पर जो ब्यक्ति अपने परिजनों को बच्चों को संपर्क में आने से रोक लेगा।उसके घर का वातावरण शुद्ध रहता है।घर में रामराज्य की स्थापना हो जाती है।इस बात का श्रीमद् भागवत कथा में पुख्ता प्रमाण मौजूद है।कि जैसे ही राजा परीक्षित ने कलयुग को रहने के लिए सोने का स्थान दिया। वैसे ही तुरंत कलयुग राजा परीक्षित के सोने के मुकुट में प्रवेश कर गया।और राजा परीक्षित की बुद्धि को घुमा दिया।राजा परीक्षित ने मरे हुए सांप को ऋषि के गले में डाल दिया।ऋषि पुत्र ने राजा परीक्षित को श्राप दे दिया।कि आज के सातवें दिवस यही तक्षक सर्प राजा परीक्षित को जीवित होकर डस लेगा।श्राप के अनुसार राजा परीक्षित को निर्धारित समय पर तक्षक सर्प ने डस लिया।कहने का तात्पर्य यह है कि जिस स्थान पर कलयुग का निवास होता है।उस स्थान पर विनांस सुनिश्चित होता है।
(पं०सुशील महाराज)
कथावाचक एवं पीठाचार्य -श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम निपानिया जाट बैरसिया रोड भोपाल म0प्र0
मो०- 9179006977