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आरबीआई ने सरकार के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड का किया ऐलान

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकार के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया है। यह डिविडेंड वित्त वर्ष 2024-25 के लिए होगा। आरबीआई के बोर्ड की 23 मई को हुई मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। हालांकि, यह डिविडेंड अनुमान से कम है। इकोनॉमिस्ट्स का कहना था कि केंद्रीय बैंक सरकार के लिए 2.5 से 3.5 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का ऐलान कर सकता है।

एक साल पहले के डिविडेंड से ज्यादा 

इकोनॉमिस्ट्स ने पिछले वित्त वर्ष में RBI को अपने ऑपरेशन से ज्यादा इनकम होने का अनुमान लगाया था। केंद्रीय बैंक पिछले हफ्ते इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) पर विचार किया था। इस फ्रेमवर्क के तहत यह तय होता है कि आरबीआई अपने प्रॉफिट का कितना हिस्सा सरकार को डिविडेंड के रूप में ट्रांसफर करेगा और कितना हिस्सा अपने पास रखेगा। हालांकि, आरबीआई का यह डिविडेंड इससे एक साल पहले के डिविडेंड के मुकाबले काफी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023-24 में RBI ने सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था।

बंपर डिविडेंड से सरकार को मिलेगी मदद

एक्सपर्ट्स का कहना है कि केंद्रीय बैंक से 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड से सरकार को काफी मदद मिलेगी। इससे सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी। साथ ही सरकार के फिस्कल डेफिसिट पर दबाव कम होगा। सरकार को बाजार से कम कर्ज लेना पड़ेगा। खास बात यह है कि यह डिविडेंड इस साल बजट में सरकार ने डिविडेंड का जो अनुमान लगाया था, उससे ज्यादा है। सरकार ने आरबीआई से 2.56 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का अनुमान लगया था।

RBI क्यो सरकार को डिविडेंड देता है

RBI सरकार के लिए एक बैंक का काम करता है। इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए उसे पैसे का मैनेजमेंट भी करना पड़ता है। इसके लिए RBI कई तरह के ऑपरेशन कंडक्ट करता है। इससे उसे मुनाफा होता है, जिसे फाइनेंस की भाषा में सरप्लस (Surplus) कहा जाता है। आरबीआई हर साल इस सरप्लस का एक हिस्सा सरकार को ट्रांसफर करता है, जिसे डिविडेंड कहा जाता है। केंद्रीय बैंक यह ट्रांसफर इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) के तहत करता है, जिसमें 2019 में संशोधन किया गया था।

 

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