सावित्री सक्सेना ने बेटे के सम्मान के लिए सरकार से भिड़ गईं और विजय पाई*
भोपाल। जयेंद्र सिंह राणा ने ग्वालियर से विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि *पौराणिक कथा में सावित्री ने अपने पति के जीवन हेतु यमराज से भी लडीं और जीती, आज कलियुग में सावित्री सक्सेना जी ने बेटे के सम्मान हेतु सरकार से भिड़ गई और विजय पाई। देश के जाबांज़ वीर शहीद विवेक सक्सेना जी शौर्य चक्र एवं राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित ने 2000 में सीमा सुरक्षा बल में सहायक कमाडेंट के तौर पर अपनी सेवा शुरु कर 2001में पहली पोस्टिंग मणिपुर में हुई तैनाती के तुरंत बाद मणिपुर में उग्रवादियों के साथ जुलाई 2001 में पहली भिंड़त में ही पीएलए उग्रवादी संगठन के तीन सदस्यों को मार गिराया और भारी मात्रा में हथियार गोला बारूद बरामद किया! उनकी बहादुरी के लिये भारत सरकार ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया! विवेक सक्सेना जी की लगातार कार्रवाइयों कारण उग्रवादियों के बीच “Dare_Devil ” के नाम से प्रसिद्ध हो गये! उन्हें वर्ष 2001_2002 के दौरान राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं तीन बार महानिदेशक प्रशंसा पत्र से नवाजा गया! वर्ष 2003 में 8 जनवरी को 250 से ज्यादा उग्रवादियों ने हमला कर दिये पूरी वीरता से लडते हुए भारी नुकसान पहुंचाया, उग्रवादियों ने पुन: संगठित होकर हमला किया जिसमें विवेक सक्सेना जी भंयकर हमले में देश की खातिर अपना सर्वोच्च बलिदान दिया! लेकिन उनकी वयोवृद्ध माँ शहीद विवेक सक्सेना जी के सम्मान हेतु 20 सालो से सरकारी लेट लतीफी बाबूगीरी से लगातार लडती रही! *कानंफेडरेशन ओफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन भी मदद करती रही लगातार पत्राचार सोसल मीडिया के माध्यम से*!
तब जाकर अब अक्टूबर 2024 में सफलता मिली है! आज माता जी सावित्री सक्सेना जी अपने बेटे रणजीत सक्सेना जी, परिवार जनो के साथ ग्वालियर पधारी, *एसोसिएशन ने शहर के नजदीक उदयपुर मुरार ग्वालियर मे वीर नारी शक्ति स्व सहायता समूह द्वारा संचालित नीम शीशम पर्वत पर शहीद विवेक सक्सेना शौर्य चक्र विजेता की याद में वृक्षारोपण किया*! इस अवसर पर एसोसिएशन के जयेंद्र सिंह राणा, जितेन्द्र सिंह कुशवाहा, सुरेन्द्र यादव, बुद्ध सिंह यादव, पूर्व प्रधानाध्यपक तोमर पहलवान सिंह, गब्बर सिंह आदि मौजूद रहे!