
नई दिल्ली: ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते टेंशन के कारण भारतीय शेयर मार्केट बुधवार को लगातार दूसरे सेशन में गिरावट के साथ बंद हुआ. निवेशक सावधान रहे और उन्होंने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया क्योंकि वे यू.एस. फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जो आज बाद में आने की उम्मीद है. यह फैसला दुनिया भर के शेयर बाजारों को प्रभावित कर सकता है. एक तरफ बुधवार को सेंसेक्स 81,314 के लेवल पर खुला और यह 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,444 के लेवल पर बंद हुआ. दूसरी तरफ़ निफ्टी 50 बुधवार को 24,788 के लेवल पर खुला और यह 0.17 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 24,812 के लेवल पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स भी गिरावट के साथ बंद हुआ. निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.2 प्रतिशत तक लुढ़क गया और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स भी 0.5 प्रतिशत तक गिर गया. सभी सेगमेंट में बिकवाली की वजह से बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सेशन के 448 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 446 लाख करोड़ रुपये रह गया. इससे निवेशकों को एक ही दिन में 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया.
ये रहे टॉप गेनर और लूजर्स
निफ्टी 50 के टॉप गेनर की बात करें, तो इसमें सबसे टॉप पर इंडसइंड बैंक का स्टॉक रहा, जिसमें 5.12 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. इसके बाद ट्रेंट में 1.93 प्रतिशत की बढ़त, टाइटन कंपनी में 1.83 प्रतिशत की बढ़त, मारुति सुजुकी में 1.22 प्रतिशत की बढ़त, महिंद्रा एंड महिंद्रा में 1.13 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. वहीं निफ्टी 50 के टॉप लूजर्स की बात करें, तो इसमें सबसे ज़्यादा नुकसान टीसीएस को हुआ, जो 1.82 प्रतिशत तक गिर गया. इसके बाद अडानी पोर्ट में 1.42 प्रतिशत की गिरावट, हिंदुस्तान यूनिलिवर में 1.35 प्रतिशत की गिरावट, जेएसडब्लयू स्टील में 1.34 प्रतिशत की गिरावट और अडानी एंटरप्राइजेज में 1.19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
सेक्टोरल इंडेक्स
लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए. लेकिन इसके बावजूद निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.39 प्रतिशत की बढ़त देखी गई और निफ्टी ऑटो में 0.37 प्रतिशत की बढ़त देखी गई.