युवा जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए बुद्ध से प्रेरणा लें -वरिष्ठ बौद्ध धम्मगुरु भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो

बुद्धभूमि महाविहार मॉनेस्ट्री में बौद्ध धम्मगुरु ने यंगशाला समूह के युवाओं को किया मार्गदर्शन
आज दिनांक 10 अगस्त दिन शनिवार को बुद्धभूमि महाविहार मॉनेस्ट्री, चूनाभट्टी कोलार रोड, भोपाल में भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो, भंते संघशील, भंते राहुलपुत्र के चल रहें वर्षावास कार्यक्रम में धम्मसंवाद और शंका और समाधान कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ भोपाल का यंगशाला समूह के सैकड़ों युवाओ को बौद्ध समुदाय के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो से भगवान बुद्ध के मानवीय और धार्मिक मूल्यों को समझने के लिए विशेष धम्म संवाद और युवाओं के शंका और समाधान पर मार्गदर्शन किया।कार्यक्रम की सुरुवात दीप प्रज्ज्वलित कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना से प्रारंभ किया और बौद्ध भिक्षु भंते शाक्यपुत्र सागर थेरो ने कहा कि युवा जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए बुद्ध से प्रेरणा ले बुद्ध की शिक्षाओं के केंद्रीय सिद्धांतों में से एक जागरूकता का अभ्यास है । विचलित करने वाली चीजों से भरी दुनिया में, युवा लोग बुद्ध के इस कथन से प्रेरणा ले सकते हैं कि बुद्ध की शिक्षाएं सभी घटनाओं की अस्थायित्व और आसक्ति की निरर्थकता पर जोर देती हैं।तात्कालिक संतुष्टि से प्रेरित भौतिकवादी समाज में , युवा इस समझ से सांत्वना और प्रेरणा पा सकते हैं कि सब कुछ क्षणभंगुर है।खुशी और दुख दोनों की नश्वरता को पहचानकर , युवा व्यक्ति ऐसी मानसिकता विकसित कर सकते हैं जो अनुकूलनीय, लचीली और परिवर्तन के लिए खुली हो।ऐसे दुनिया में जहां विभाजन और संघर्ष जारी हो तो युवा लोग बुद्ध की प्रेम-दया और करुणा की शिक्षाओं से प्रेरणा पा सकते हैं और सहानुभूति विकसित करके, युवा दूसरों के संघर्षों के बारे में गहरी समझ विकसित कर सकते हैं, तथा एकता और जुड़ाव की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं धम्मगुरु ने आगे कहा कि आत्म-खोज और आंतरिक परिवर्तन-युवा लोग, जो अक्सर पहचान और उद्देश्य के प्रश्नों से जूझते रहते हैं ऐसे में आत्म-अन्वेषण पर बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरणा ले सकते हैं। युवा वर्ग समानता, न्याय और बंधुत्व की दिशा में काम करके सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी में सक्रिय रूप से शामिल हो सकते हैं इन शिक्षाओं को अपनाकर वे अधिक समतापूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और पर्यावरण के प्रति जागरूक समाज के निर्माण में योगदान कर सकते हैं .इस अवसर पर युवाओं ने भगवान बुद्ध की प्रमुख शिक्षाएँ अस्तित्व के तीन लक्षण,चार आर्य सत्य,चार उत्कृष्ट अवस्थाएँ, पांच शील सिद्धांतों पर सवाल किया जिसका समाधान बौद्धधम्मगुरु ने किया।इस कार्यक्रम में सुभाष गर्ग, ईशा गडोतरा, शैली देवलिया, अदिति ठाकुर, रोली, हर्षिता, काशिफा, आनंद, प्रिंसिका विभिन्न कॉलेज, स्कूल के सैकड़ों युवा शामिल थे।