अध्यात्मखबरमध्य प्रदेश

विशाल रथ में निकले श्री 1008 चन्द्रप्रभ भगवान

साकेत नगर में प्रमाण सागर महाराज जी का हुआ मंगल प्रवेश

भोपाल शहर के मंगलवार स्थित प्राचीन दिगम्बर जैन मंदिर से पर्यूषण पर्व के समापन पश्चात सहारनपुर
से आये विशाल गजरथ पर श्री 1008 भगवान चन्द्रप्रभ की पारंपरिक जल यात्रा निकाली गई।
पूज्य सृष्टि भूषण माता जी ससंघ के सानिध्य और प्रदेश गौरव प्रतिष्ठाचार्य अविनाश भैय्या जी के निर्देशन में यज्ञ विशाल रथयात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई पंडाल में पहुंची। मंदिर अध्यक्ष आदित्य मान्या जैन ने बताया कि इस रथयात्रा में दशलक्षण धर्म के दिनों में पूरे 10 दिन निर्जला उपवास तथा सवा करोड़ जाप में बैठे तपस्वियों जिन्होंने
5 लाख जाप तथा 3 से 4 लाख तक जाप दी है, का बग्गी पर परिवार सहित बैठाकर बहुमान किया गया तथा शॉल, श्रीफल एवं पुरस्कार भेंट किये गये।
हेमलता जैन रचना ने बतलाया कि पाठशाला के बच्चों को ऐरावत हाथी पर इन्द्र बनाकर बैठाया गया।
पाठशाला के बच्चों द्वारा तैयार की गई झाँकी में तपस्या एवं जाप के समय श्रावकों के रूप का प्रदर्शन किया गया था। मंत्री विजय श्वेता, महेन्द्र हुण्डी ने बताया कि समाज के सभी बुर्जुगों का भी इस अवसर पर सम्मान किया गया।
उपरोक्त शोभा यात्रा में बुरहानपुर के ढोल-नगाड़ों ने युवाओं को झूमकर नृत्य करने पर मजबूर कर दिया।
पूज्य माता जी ने अमृत प्रवचनों में कहा कि इन पवित्र दस दिनों में जहां धर्म और ज्ञान की गंगा बहती है वहीं व्रत-उपवास से शरीर के विकार बाहर होते हैं। मौन रहकर तपस्या भी अवश्य करनी चाहिये। काम, क्रोध, मान, माया, लोभ जैसे पापों से हमें यथाशक्ति बचकर रहना चाहिए।
इस अवसर पर विद्यापूर्ण महिला ग्रुप, बहू मण्डल द्वारा गरबा एवं नृत्य प्रस्तुत किये गये। स्वागत अध्यक्ष संजय मुंगावली एवं राकेश नायक ने कहा कि क्षमावाणी के इस कार्यक्रम में खास बात यह रही कि माता जी के समक्ष वर्षों से चली आ रही अनबन को कई परिवारों ने आज समाप्त कर, एक दूसरे से गले मिलकर क्षमा याचना की वहीं युवाओं तथा बहुओं ने अपने बुजुर्गो एवं सास-ससुर के पैर छूकर क्षमा मांगी तथा आर्शीवाद प्राप्त किया। माता जी ने कहा कि आज विश्व में क्षमा धर्म की सबसे अधिक आवश्यकता है। वैश्विक युद्धों में जन-धन की जो हानि हो रही है इसे क्षमा भाव से ही रोका जा सकता है। माता जी ने कहा कि मतभेद भले हो, लेकिन मन-भेद न हो। बोलचाल सदा जारी रहना चाहिये।
वहीं श्री 1008 भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर साकेत नगर में मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। साकेत नगर समाज जनों ने ढोल, नगाड़ों जयकारोंं और धर्म-ध्वजा के साथ उद्घोष करते हुए महाराज श्री ससंघ की भव्य अगवानी की। सामायिक के पश्चात मुनि संघ का विहार हुआ।

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