अध्यात्ममध्य प्रदेश
श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम में धूमधाम से मनाया गया श्री हनुमान जन्मोत्सव:पं: सुशील महाराज

- श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम में आज धूमधाम से श्री हनुमान जन्मोत्सव मनाया गया है।श्री हनुमान जी महाराज को चोला चढाकर भव्य श्रृंगार किया गया। और लड्डू भोग लगाकर श्रृद्धालुओ को लड्डू का प्रसाद बितरंण किया गया है। श्रृद्धालुओ के पूंछने पर कि जयंती और जन्मोत्सव में क्या अंन्तर है।इस पर पं०सुशील महाराज ने गूढ़ रहस्य को उजागर करते हुए श्रृद्धालुओ को को बताया कि बैसे तो जयंती और जन्मोत्सव का भावार्थ एक ही निकाला जाता है।जिस दिन ब्यक्ति का जन्म हुआ।उस दिन को जयंती माना जाता है।जब किसी महान ब्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।और उसके वाद उसके जन्म दिवस पर जो उत्सव मनाया जाता है। उसे जयंती कहा जाता है। जैसे कि तुलसीदास जयंती, बाल्मीकि जयंती आदि। लेकिन श्री हनुमान जी के लिए जयंती शब्द यथोचित कदापि नहीं है। क्योंकि श्री हनुमान जी अजर-अमर है। मां सीता ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया था। रामायण में इसका लेख मौजूद है।”अजर-अमर गुन निधि सुत होऊं” जब हनुमान जी की मृत्यु ही नहीं हुई है।वह आज भी आज भी अजर-अमर है। उनके जन्मोत्सव पर चोला चढ़ाकर तव पुष्पहार चढ़ायें जाते हैं।साथ ही उन्हें मिष्ठान आदि का भोग लगाया जाता है।भंण्डारे का आयोजन किया जाता है।श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम पर श्री हनुमान जी की “जयंती” नहीं “जन्मोत्सव” मनाया जाता है।क्योंकि श्री हनुमान जी आज भी जीवित हैं। और अजर अमर है। मरे हुए लोगों पर पुष्प चढ़ाकर जयंती मनाई जाती है।जय श्रीराम।
(पं०सुशील महाराज)