अध्यात्ममध्य प्रदेश

श्री सिद्ध हनुमान मंदिर में श्री परम शक्ति ज्योतिष परामर्श एवं ज्योतिष ज्ञान गोष्ठी आयोजित 

भोपाल। मंडीदीप सिमराई, के पास स्थित जखला धाम, श्री सिद्ध हनुमान मंदिर में श्री परम शक्ति ज्योतिष परामर्श केंद्र एवं ज्योतिष ज्ञान गोष्ठी संयुक्त तत्वावधान में ज्योतिष के विविध विषयों के विद्वानों, का एकदिवसीय समागम हुआ, जिसमें उपस्थित हुए जनमानस को जन्म कुंडली हस्तरेखा टैरो कार्ड अंक ज्योतिष आदि के माध्यम से निशुल्क परामर्श दिया गया।   विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए समुचित उपाय करने हेतु अवगत कराया गया।  परामर्श संगोष्ठी में उपस्थित समस्त ज्योतिष विद्वानों ने पंच महापुरुष योग एवं चांडाल योग पर अपने-अपने ज्ञान एवं अनुभव पर प्रकाश डाला।  विद्वानों ने कहा की ज्योतिष में पांच प्रकार के महापुरुष योग होते हैं जिनका जीवन पर, प्रभाव पड़ता है। नंबर 1ः रूचक, भद्र हंस मालव्य, एवं,शश, पांच प्रकार के पंच महापुरुष योग होते हैं जो क्रम,से मंगल बुध बृहस्पति शुक्र एवं शनि ग्रह के द्वारा उपरोक्त योग बनते हैं। प्रथम रूचक पंच महापुरुष, योग मंगल ग्रह लग्न में चतुर्थ सप्तम या दशम भाव में हो,षडबल, युक्त हो स्वराशि अथवा उच्च का हो एवं कारक भी हो,तो, रूचक, योग बनेगा । इसी प्रकार बुध ग्रह उपरोक्त स्थिति में होने से भद्र योग गुरु ग्रह से हंस योग एवं शुक्र ग्रह से मालव्य योग तथा शनि ग्रह से शश योग बनता है। उपरोक्त योग पंच महापुरुष में से कोई भी एक योग यदि पूर्ण रूप से,षडबल, युक्त एवं स्वराशि, उच्च राशि और कारक होने पर जातक के लिए पूर्ण शुभ फल प्रदान करने वाला होता है तथा कोई भी, न्यूनतम होने पर अल्प शुभ फल देने वाला होता है। गुरु एवं राहु ग्रह की युति होने पर चांडाल योग बनता है जो शुभ एवं अशुभ फल प्रदान करता है। यदि गुरु कमजोर होगा तो निश्चित ही उपरोक्त योग अशुभ, फल,देने वाला होता है इस स्थिति में गुरु को बलवान करने के उपाय, करना चाहिए।
ज्योतिष परामर्श संगोष्ठी समागम में उपस्थित
डॉक्टर हेमचंद्र पांडे, राज ज्योतिष पुरोहित पंडित कृपा शंकर उपाध्याय , पंडित गंगा प्रसाद आचार्य एवं बगलामुखी उपासक  रजनी निखिल  डॉक्टर शैलजा,,  पूजा दुबे , पूनम श्रीवास्तव, चित्राँशी  पंडित एन.के. व्यास , पंडित लक्ष्मी चंद चौधरी,  मधुकर श्रीवास्तव ,  एच,एन,राव,, आदि अनेक विद्वानजन
उपस्थित रहे।

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