एल एन सी टी यूनिवर्सिटी में भारतीय न्याय संहिता पर विशेष व्याख्यान
भोपाल ।एलएनसीटी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी, भोपाल ने भारतीय न्याय संहिता पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। कार्यक्रम में डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी, एडजंक्ट प्रो वाइस चांसलर, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गुजरात विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम के एलएनसीटी समूह के सचिव डॉ अनुपम चौकसे ने मुख्य वक्ता का शाल श्रीफल से स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने भारतीय न्याय संहिता का प्रावधानों को उल्लेखित करते हुये कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में आईपीसी के अधिकांश अपराधों को बरकरार रखा गया है। इसमें सामुदायिक सेवा को भी सज़ा के रूप में शामिल किया गया है। राजद्रोह अब अपराध नहीं रहा। इसके बजाय, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों के लिए एक नया अपराध बनाया गया है। बीएनएस ने आतंकवाद को अपराध की श्रेणी में शामिल किया है। इसे ऐसे कृत्य के रूप में परिभाषित किया गया है जिसका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को ख़तरा पहुंचाना, आम जनता को डराना या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना है । इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता में वर्णित प्रावधानों को विस्तार से समझाते हुये धर्म और कानून से नियंत्रित होने वाली रूपरेखाओं के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि का परिचय वरिष्ठ पत्रकार और एम.पी. पोस्ट के मुख्य संपादक श्री सरमन नगेले ने दिया।
श्री नगेले ने छात्रों से संवाद के दौरान उन्हें डिजिटल मीडिया में जर्नलिज्म की संभावनाओं और आवश्यक स्किल्स की जानकारी दी, उन्होंने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए संसदीय रिपोर्टिंग और इलेक्शन जर्नलिज्म के मुख्य पहलुओं की जानकारी देते हुए सूचना की प्रामाणिकता पर ध्यान देने का सुझाव दिया।
इस मौके पर एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ अजीत कुमार सोनी, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की विभागाध्यक्ष डॉ अनु श्रीवास्तव, स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज की विभागाध्यक्ष डॉ अनुष्का नायक समेत बड़ी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए।