अध्यात्मखबरमध्य प्रदेश

श्री बजरंग मंदिर पंपापुर हर्षवर्धन नगर भोपाल में बट सावित्री पर होगी विशेष पूजा अर्चना 

26 मई को कार्यक्रम का होगा आयोजन

 

इस बार बट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या का खास संयोग बन रहा है बट सावित्री पर 26 मई को है ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सारे बातों में बट सावित्री व्रत को बहुत प्रभावी माना जाता है जिसमें सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सभी प्रकार की सुख समृद्धि की कामना करती हैं यहां पर विभिन्न दिशाओं में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है बट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से अवश्य तक उत्तर भारत में और ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में इन्हीं तिथियां में बाढ़ सावित्री पर दक्षिण भारत में मनाया जाता है बट सावित्री व्रत को उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पंजाब दिल्ली और हरियाणा समेत कई जगहों पर मनाया जाता है ऐसी मान्यता है कि जितनी उम्र बरगद के पेड़ की होती है सुहागिनें भी उतने बरगद के पेड़ की उम्र के बराबर अपने पति की उम्र मांगती हैं हिंदू धर्म में बरगद का वृक्ष पजनी माना जाता है शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी देवताओं का वास होता है इस वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्ति होती है इसके अलावा इस दिन जल से बट वेस्ट को खींचकर उसके तने की चारों ओर कच्चा धागा लपेट का तीन बार परिक्रमा की जाती है इस दिन महिलाएं व्रत रखकर बट वृक्ष के पास जाकर धूप दीप निवेद आदि से पूजन करती हैं और बट वृक्ष को कलवा बांधती है जिससे उनके पति के जीवन में आने वाली बढ़ाएं दूर होती हैं और लंबी उम्र की प्राप्ति होती है वही सोमवती अमावस्या पर स्नान दान पितरों की पूजा और धन प्राप्ति के लिए खास उपाय भी किए जाते हैं अमावस्या तिथि के दिन महिलाएं बस की टोकरी में सावधान के ऊपर ब्रह्मा और वट सावित्री और दूसरी टोकरी में सत्यवान एवं सावित्री की प्रतिमा स्थापित करके बटर रखते समीप जाकर पूजन करती हैं साथ ही दिन यमदेव की पूजन भी की जाती है !
बट सावित्री पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की आवश्यक तिथि पर रखा जाता है इस साल जस्ट मास की औसत तिथि की शुरुआत 26 में 2025 को दिन में 12:00 के 11 मिनट पर हो रही है इसका समापन अगले दिन यानी 27 में 2025 को सुबह 8:30 बजे तक रहेगा ऐसे में 26 में 2025 को वट सावित्री एवं इसी दिन सोमवार का दिन होने से सोमवती अमावस्या भी अति फलदाई रहेगी यह शुभ सहयोग दुर्लभ सहयोग है जो की एक साथ दो तिथियां एक साथ है जय समस्या पर सौभाग्य दायक सोमवती अमावस्या का भी सहयोग बनेगा ऐसे में सुहाग की लंबी उम्र की कामना से जो सुहागन महिलाएं बट सावित्री व्रत रखेंगे उनका यमराज के साथ शिवजी की कृपा का भी लाभ मिलेगा इस पर उत्तम सहयोग यह भी है कि इस दिन चंद्रमा अपनी राशि वृषभ में संचार करेगा बट सावित्री पर बनाया सहयोग भी व्यक्तियों के लिए उत्तम फलदाई है आचार्य लोकेश शर्मा श्री बजरंग मंदिर पंपापुर हर्षवर्धन नगर भोपाल द्वारा बताया गया कि मंदिर प्रांगण में बट वृक्ष के साथ में पीपल का पेड़ भी एक साथ लगा हुआ है जो भी महिलाएं एक साथ पीपल एवं वट वृक्ष की परिक्रमा करेंगे उनको सोमवती अमावस्या एवं बाढ़ सावित्री व्रत का फल एक साथ मिलेगा यहां पर लगे बट वृक्ष को 90 वर्ष से अधिक का समय हो गया है एवं यहां पर पूजन करना अति लाभदायक होगा

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