सेंसेक्स की कंपनियों में इंफोसिस 3.86 प्रतिशत चढ़ गया। एचसीएल टेक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन और टेक महिंद्रा भी लाभ में रहे। वहीं इटर्नल, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारती एयरटेल और अदानी पोर्ट्स पिछड़ने वालों में शामिल रहे।यूरोपीय बाजारों में रहा मिला-जुला रुख एशियाई बाजारों में शंघाई का एसएसई कम्पोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्केई 225 सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजारों में मध्य सत्र में मिश्रित रुख के साथ कारोबार हो रहा था। बुधवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक दायरे में बंद हुए।
रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध से निवेशकों की चिंता बढ़ी
सेबी-पंजीकृत ऑनलाइन ट्रेडिंग और वेल्थ टेक फर्म एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, “रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने यह चिंता भी बढ़ा दी है कि भारत को रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद कम करनी पड़ सकती है और महंगे विकल्पों की ओर रुख करना पड़ सकता है, इससे आयात बिल और मुद्रास्फीति की संभावना पर दबाव पड़ सकता है।”
एनरिच मनी के सीईओ ने आगे कहा कि संभावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के चलते बाजार पहले भाग में तेजी से चढ़ा, लेकिन अंत तक अपनी अधिकांश बढ़त गंवा दी, क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में भारी गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने कथित तौर पर रूसी तेल आयात को पुनर्गठित करने की योजना का संकेत दिया था।
एसबीआई सिक्योरिटीज के तकनीकी और डेरिवेटिव्स रिसर्च प्रमुख सुदीप शाह ने कहा कि मजबूत शुरुआत के बावजूद, आशावाद ज्यादा देर तक नहीं रहा।शाह ने कहा कि निफ्टी 26104 के इंट्रा-डे हाई तक पहुंचा, लेकिन अपनी गति बरकरार नहीं रख सका। अंत में इसने अपनी बढ़त गंवा दी और 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की। सूचकांक लगभग स्थिर रहा, जो बाजार सहभागियों की सतर्कता को दर्शाता है। हालांकि, यह सूचकांक अपने पिछले सर्वकालिक उच्च स्तर से बस थोड़ा ही दूर हैं।
2025 में अब तक, सेंसेक्स और निफ्टी ने संचयी आधार पर लगभग 8-9 प्रतिशत का रिटर्न अर्जित किया है। 2024 में सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 9-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2023 में, सेंसेक्स और निफ्टी में संचयी आधार पर 16-17 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 2022 में, इनमें से प्रत्येक में मात्र 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के स्थगन के बाद हुई मुनाफावसूली
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआत सकारात्मक रही। हालांकि, रूसी तेल पर प्रतिबंधों और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के संभावित स्थगन के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के कारण शुरुआती बढ़त कम हो गई।” भारत और अमेरिका ने इस साल मार्च में एक न्यायसंगत, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए बातचीत शुरू की, जिसका लक्ष्य 2025 की शरद ऋतु तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है।
एच1बी वीजा पर नरम रुख के बाद आईटी शेयरों में आई तेजी
इस बीच, एच1बी वीजा पर ट्रंप के नरम रुख के बाद धारणा में सुधार के कारण आईटी शेयरों में तेजी आई। नायर ने आगे कहा, “त्योहारी मांग, कर लाभ और जीएसटी में कटौती के साथ वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में आय में सुधार की उम्मीदों से उत्साहित होकर, एफआईआई धीरे-धीरे भारतीय बाजारों में लौट रहे हैं। संभावित भारत-अमेरिका समझौते और उपभोक्ता मांग में वृद्धि के कारण घरेलू बाजार की वर्तमान स्थिति में सुधार हुआ है, इसलिए व्यापक बाजार में आगे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।”
ब्रेंट क्रूड का भाव बढ़कर 65.99 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 5.43 प्रतिशत बढ़कर 65.99 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। दिवाली बलिप्रतिपदा के अवसर पर बुधवार को शेयर बाजार बंद रहे। मंगलवार को एक घंटे के विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में सेंसेक्स 62.97 अंक या 0.07 प्रतिशत बढ़कर 84,426.34 पर बंद हुआ। निफ्टी 25.45 अंक या 0.10 प्रतिशत बढ़कर 25,868.60 पर बंद हुआ।