स्कूलों को बचाने हर गांव – शहर में संघर्ष कमेटियों का निर्माण करें
1 लाख हस्ताक्षरों के साथ सौंपा गया ज्ञापन स्कूल बचाओ संघर्ष समिति मध्य प्रदेश


मध्य प्रदेश के 94,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की राज्य सरकार की नीति के खिलाफ मध्य प्रदेश में चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के क्रम में 1 लाख से ज्यादा हस्ताक्षरों पर जनमत संग्रह कर प्रदेश के 35 जिलों से हजारों छात्र _ अभिभावकों ने भोपाल के नीलम पार्क में विरोध प्रदर्शन कर सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के आंदोलन का आगाज़ किया । महात्मा ज्योतिबा फुले जिन्होंने हमारे देश में सभी को शिक्षा दिलाने की लड़ाई लड़ी और सैकड़ों स्कूल खोले, उनके संघर्ष को याद करते हुए इस प्रदर्शन में राज्य के लाखों छात्रों के भविष्य को बचाने का संकल्प लिया गया।
मुख्य वक्ता श्री मुदित भटनागर ने कहा कि आंदोलन की तैयारी में मध्य प्रदेश के हर जिले में छात्रों ने अपनी पहल पर शहर से लेकर दूर दराज के गांवों तक जाकर , स्कूलों को बंद करने के खिलाफ हस्ताक्षर इकट्ठे किए। छतरपुर, टीकमगढ़, गुना, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, विदिशा, दतिया, अशोकनगर, भिंड सहित 35 जिलों में एक – एक जिले में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, हॉस्टल सभी जगह छात्रों, अभिभावकों, और शिक्षकों का भरपूर समर्थन इस आंदोलन को मिला। कई जिलों में लोगों ने स्कूल बचाओ रैलियां आयोजित की जिनमें सैकड़ों छात्र – अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य की चिंता कर कई किलोमीटर दूर रैलियों में शामिल हुए। आंदोलन की तैयारी में सैकड़ों स्कूल जर्जर हालत में मिले, कई गांवों के स्कूल बंद मिले , जहां पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अब अंधकार में हैं। प्रदेश में 2015 – 16 में जहां 1 लाख 21 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल थे , वहीं पिछले कुछ सालों में 29,000 से ज्यादा स्कूल बंद हुए हैं, जो कि देश में सबसे ज्यादा हैं। इसके चलते प्रदेश में विगत 10 सालों में लगभग 50 लाख छात्र ड्रॉप आउट हो चुके हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों को बचाने, शिक्षकों की स्थाई भर्ती, जर्जर भवनों के जीर्णोद्धार सहित छात्रों की सुरक्षा की मांग उठाई।
उत्तरप्रदेश से आए स्कूल बचाओ संघर्ष समिति के प्रभारी दिलीप सरवार ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश के विभिन्न राज्यों सहित उत्तर प्रदेश में हजारों स्कूलों को बंद करने की साजिश लाई गई है , इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के छात्रों व आम जनता ने जोरदार आंदोलन चलाया और उत्तर प्रदेश के 5,000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद होने से बचाया। विशिष्ट अतिथि के रूप में विख्यात साहित्यकार व शिक्षाविद श्री सुरेंद्र रघुवंशी ने आंदोलन के समर्थन में अपनी उपस्थिति दर्ज की व स्कूल बचाओ – भविष्य बचाओ आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने प्रदेश भर में शिक्षकों की कमी , शिक्षकों पर बढ़ते गैर शैक्षणिक कार्यों के बोझ के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया ।
प्रदर्शन में आए विभिन्न जिलों के छात्र प्रतिनिधि जो दिन रात एक कर इस आंदोलन की तैयारी में जुटे रहे उन्होंने बड़े ही मार्मिक ढंग से सरकारी स्कूलों के हालात और चौपट होती शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई। स्कूल बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अजीत सिंह पंवार ने अंत में आह्वान किया कि शिक्षा ही हमें इंसान बनाती है, इसलिए हमें स्कूल बचाओ – भविष्य बचाओ का नारा लेकर प्रदेश के सभी 55 जिलों के एक – एक गांव – शहर तक पहुंचना होगा, और हर स्कूल को बचाने के लिए हजारों संघर्ष समितियाँ बनानी होगी। प्रदर्शन में आए प्रत्येक छात्र, अभिभावक, और आम नागरिक को सार्वजनिक शिक्षा को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी और संकल्प लेना होगा कि हम एक भी स्कूल को बंद नहीं होने देंगे। सभा का संचालन संघर्ष समिति की सदस्य श्रुति शिवहरे ने किया।


