अध्यात्ममध्य प्रदेश

आरएनटीयू के तृतीय दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां तो खिल उठे चेहरे

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षान्त समारोह, म.प्र. के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न

भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षान्त समारोह, म.प्र. के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल और परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री माननीय श्री उदय प्रताप सिंह जी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने की। बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ राधाकांत पाढ़ी, एचएएल चेयर प्रोफेसर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बैंगलोर, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, सेक्रेटरी प्रायोजी निकाय, आईसेक्ट, डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो चांसलर आरएनटीयू, डॉ. आर.पी. दुबे, कुलगुरु, आरएनटीयू, डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी, कार्यकारी उपाध्यक्ष, आईसेक्ट, डॉ. संगीता जौहरी, कुलसचिव, आरएनटीयू विशेष रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर डॉ ई मादे धर्मयश, रसाचार्य, आईजीबी सुग्रीव स्टेट हिन्दू यूनिवर्सिटी, देनपसार इंडोनेशिया को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

इस मौके पर माननीय श्री राजेन्द्र शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है। यह संस्थान न केवल विद्यार्थियों को अकादमिक रूप से मजबूत बना रहा है, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों से भी जोड़ रहा है। विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियाँ प्रदेश के लिए गौरव की बात हैं। उन्होंने कहा कि आज के छात्र ही कल के सशक्त भारत का निर्माण करेंगे। सरकार ऐसे संस्थानों को हरसंभव सहयोग देने के लिए संकल्पित है। अंत में उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

समारोह में माननीय श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि डिग्री केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय जिस प्रकार युवाओं को आत्मनिर्भर और नवाचारशील बना रहा है, वह प्रशंसनीय है। शिक्षा को अब रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने की आवश्यकता है। इस संस्थान ने छात्रों को बहुआयामी कौशल प्रदान कर एक आदर्श प्रस्तुत किया है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे देश की प्रगति में भागीदार बनें और अपने ज्ञान का सही उपयोग करें। अंत में उन्होंने डिग्री उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

दीक्षांत भाषण देते हुए श्री राधाकांत पाढी ने कहा कि ज्ञान का असली उद्देश्य मानवता की सेवा में योगदान देना है। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी दक्षता की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि आप सभी में अपार संभावनाएं हैं। इसरो में कार्य करते हुए मैंने सीखा कि कठिन परिश्रम, अनुशासन और टीम वर्क से असंभव को भी संभव किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को अपनाने का आग्रह किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री संतोष चौबे ने कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के शैक्षणिक आदर्शों पर कार्य करते हुए शिक्षा, अनुसंधान और संस्कृति का समन्वय प्रस्तुत कर रहा है। विश्वविद्यालय लगातार छह वर्षों से एनआईआरएफ रैंकिंग में अपनी उपस्थिति बनाए हुए है, जो इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हम अपने छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

दीक्षांत समारोह में वर्ष 2022, वर्ष 2023 और वर्ष 2024 के कुल 362 उत्कृष्ट विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इस अवसर पर 60 गोल्ड मेडल, 183 पी-एच.डी. उपाधि, 52 स्नातकोत्तर उपाधि एवं 67 स्नातक उपाधि छात्र-छात्राओं को माननीय श्री राजेन्द्र शुक्ल, उप मुख्यमंत्री म.प्र. और माननीय श्री उदय प्रताप सिंह जी ने अपने करकमलों से प्रदान कीं।

इस मौके पर तृतीय दीक्षान्त समारोह की स्मारिका का विमोचन भी किया गया साथ ही बिग कंट्री लिटिल बिजनेस और कंप्यूटर एक परिचय पुस्तक का विमोचन किया गया और अतिथियों को सौजन्य भेंट की गई। तदोपरांत डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने बिग कंट्री लिटिल बिजनेस पुस्तक पर संक्षिप्त प्रकाश डाला।

इस अवसर पर श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी, सेक्रेटरी प्रायोजी निकाय ने स्वागत भाषण देते हुए अतिथियों का स्वागत किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने दीक्षान्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डॉ. संगीता जौहरी और टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला केन्द्र के निदेशक श्री विनय उपायध्याय ने किया। प्रारंभ में दीक्षान्त समारोह की शोभायात्रा द्रोणांचल भोपाल से आए आर्मी बैंड की धुनों के साथ निकाली गई। इसके पश्चात् दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और सरस्वती वंदना से हुआ। समारोह का प्रारंभ और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम के अंत में डॉ. संगीता जौहरी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के पदाधिकारी, विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी और बोर्ड आफ मैनेजमेंट के पदाधिकारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, शिक्षाविद्, विद्यार्थी और उनके अभिभावक उपस्थित थे।

गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों के वर्जन
23 वर्षीय आर्चिन कुमार ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद रविन्द्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी से बी ए (ऑनर्स) समाजशास्त्र में 82.1% से टॉप किया और यूजीसी डुअल डिग्री प्रोविजन के तहत इग्नू से बी ए (जनरल) किया। इसके बाद, आर्चिन कुमार ने रबिन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी से एम ए समाजशास्त्र में 91.4% से यूनिवर्सिटी टॉप कर गोल्ड मैडल अर्जित किया और इग्नू से एम ए पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 2023 में इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफ़िकेट इन क्लाइमेट चेंज (PGCCC) भी किया। आर्चिन कुमार ने अपनी शिक्षा के साथ-साथ 60 से ज्यादा ऑनलाईन सर्टिफ़िकेट कोर्स भी किए हैं, जिनमें कोर्सेरा, WHO, यूनिसेफ, ड्यूक यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो आदि शामिल हैं। जून 2024 में, आर्चिन कुमार ने यूजीसी नेट जेआरएफ समाजशास्त्र में 97.5 पर्सेंटाइल से बिना कोचिंग के पहले प्रयास में किया। उन्होंने 2023 में IB ACIO का इंटरव्यू भी दिया और वर्तमान में यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं। आर्चिन कुमार ने काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में पीएचडी एडमिशन में 4 रैक हासिल कर पीएचडी में एडमिशन लिया है, जहाँ से वे जेल में बंधी प्रेग्नेंट और मदर कैदियों और उनके बच्चों के ऊपर शोध कार्य करने की योजना बना रहे हैं।
आर्चिन कुमार, गोल्ड मेडलिस्ट, एमए- समाजशास्त्र

आरएनटीयू के एलएलएम के छात्र आदित्य शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं पेशे से सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड हूं। परंतु वर्ष 2020-21 में मैंने ब्रेक लेकर एक बार फिर से लॉ एजूकेशन को रिफ्रेश किया। इस दौरान मुझे आज के फैकल्टीज एवं स्टूडेंट्स द्वारा किए जा रहे चिंतन को समझने का मौका मिला जो रेगुलर प्रेक्टिस और क्लाइंट डिलिंग में सहायक होगा।
आदित्य शर्मा, गोल्ड मेडलिस्ट, एलएलएम

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाली प्रतिज्ञा व्यास जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, गया में पदस्थ हैं। वे अपने शोधकार्य पर बात करते हुए कहती हैं कि मेरा विषय “लैंगिक परिप्रेक्ष्य में क्रूरता के बदलते आयामों का आलोचनात्मक अध्ययन” रहा। मैं चूंकि न्यायिक क्षेत्र में हूं और हमारी सामाजिक व्यवस्था का पूरा तानाबाना न्यायिक क्षेत्र पर बहुत निर्भर करता है। आज पारिवारिक मामलों में न्यायिक सक्रियता बढ़ गई है। महिलाओं के लिए नए-नए कानून बन रहे हैं। पुरूष वर्ग भी कई बार पीडित होता है। थर्ड जेंडर को भी मान्यता मिल गई है। इस तरह से पूरे समाज पर कानूनों का क्या प्रभाव है, कुछ कानूनों का दुरुपयोग क्यों है, हम अच्छा करने के लिए क्या कर सकते हैं। इसलिए हमने इस विषय को शोध के लिए चुना और सफलता पूर्वक शोध को पूरा किया।
डॉ. प्रतिज्ञा व्यास, गोल्ड मेडलिस्ट, पीएचडी स्कॉलर

आरएनटीयू में एमटेक के छात्र हरीश शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कि विश्वविद्यालय के फेकल्टीज के सहयोग से मेंने “कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट” अपने शोध का कार्य किया है। इन दो वर्षों के दौरान मेरे दो रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पब्लिश हुए हैं। इसमें वेस्ट प्रोडक्ट का कॉक्रीट में इस्तेमाल करके कैसे उसे मजबूती प्रदान कर सकते हैं, पर कार्य किया गया है। चूंकि मैं मप्र शासन में नगरीय प्रशासन विभाग में सहायक अभियंता हूं, तो अपने कार्य के दौरान यह शिक्षा मेरे लिए सहयोगी साबित होगी।
हरीश शर्मा, गोल्ड मेडलिस्ट, एमटेक

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