मध्य प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा-ओबीसी आरक्षण पर कोई रोक नहीं: विभा पटेल व तुलसीराम पटेल

भोपाल। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल, अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक अधिवक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट तुलसीराम पटेल
ओबीसी महासभा के एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से पिछड़ा वर्ग विरोधी राज्य की भाजपा सरकार को करारा झटका लगा है। ओबीसी वर्ग को बहुत बड़ी राहत मिली है। ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के मामले में राज्य की भाजपा सरकार के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश 27%ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई हुई। इसके चलते उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में इस विषय से संबंधित कोई भी नई याचिका में सुनवाई नहीं होगी। इससे अब यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी नई वेकेंसी में आरक्षण को चुनौती सिर्फ उच्चतम न्यायालय में ही दी जा सकेगी। साथ ही हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी आदेशित किया है कि राज्य के दो अखबारों में पेपर पिटीशन की कापी जारी कर दी जाए।
श्रीमती विभा पटेल व तुलसीराम पटेल ने बताया कि ओबीसी संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट वरुण ठाकुर, रामकरन जी ने पैरवी की थी। इस दौरान माननीय न्यायालय द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि कानून पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार 27 % ओबीसी आरक्षण पर भर्ती कर सकता है। यानी अब राज्य सरकार बहाने नहीं बना सकती है। सरकारी पदों पर भर्ती, पदोन्नति के मामले नहीं अटका सकती है। राज्य की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की आड़ लेकर लगातार मिथ्या प्रचार किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ओबीसी वर्ग को बहुत बड़ी राहत मिली है।

 

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