विभागीय परीक्षा की खबरों को लेकर शिक्षक परेशान न हों – राकेश दुबे
भोपाल। अभी दो-तीन दिन से ग्रुपों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और शिक्षकों की परीक्षा को लेकर मध्यप्रदेश के शिक्षकों में बड़ी हलचल मची हुई है। सभी शिक्षक परीक्षा को लेकर बहुत परेशान हैं और उसके विरोध में तरह तरह के तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर शासकीय शिक्षक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे ने मध्यप्रदेश के सभी शिक्षकों से अपील की है कि इसके संबंध में अभी बेवजह तनाव लेने और मीडिया में हाय तौबा मचाने की आवश्यकता नहीं है।
प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे के अनुसार नवीन शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षकों की नियुक्ति की चार व्यवस्थाएं रही हैं
1. 1998 व 99 के शिक्षाकर्मी, ये माननीय न्यायालय के निर्देश पर बनाई गई व्यवस्था के तहत नियुक्त हुए थे और उनकी पूर्व की सेवाएं अधिकतम 25 अंक देकर समाप्त कर दी गई थीं।
2. वर्ष 2001 व 2003 में भर्ती हुए संविदा शाला शिक्षक जिनकी भर्ती प्रक्रिया को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता दी है।
3. गुरुजी से संविदा शाला शिक्षक बने साथी,वे परीक्षा पास करके बने हैं।
4. वर्ष 2005 में पात्रता परीक्षा प्रारंभ हो चुकी थी।
अतः आप सभी को सलाह है कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में अभिव्यक्ति के समय अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें, ये सभी बातें ज्यादा नकारात्मक होने पर प्राणघातक भी हो सकती हैं हम कमलनाथ सरकार के समय की परीक्षा, उसके परिणाम और जनहानि को अभी नही भूले हैं।
*और एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि न तो प्रत्येक व्यक्ति का, प्रत्येक समय, प्रत्येक मुद्दे पर बोलना उचित होता है और न ही प्रत्येक प्रयास का सफल होने के पूर्व ढिढोरा पीटना।
संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे, महासचिव जितेंद्र शाक्य, कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल, संभागीय अध्यक्ष भोपाल कमल बैरागी सहित समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शिक्षक साथियों से अपील है कि हमारे संवर्ग को अभी बेवजह मानसिक तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मध्यप्रदेश में हमारे संवर्ग की जो भी भर्ती हुई है वह पूर्णतः संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हुई है। और यदि कोई आवश्यकता होती भी है तो आप लोग न तो निराश हों और न ही तनाव में आकर ठगे जाएं, शासकीय शिक्षक संगठन इस मुद्दे के निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करें।