अर्थ समिट 2025-26 के हैदराबाद संस्करण में तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री ने किसानों की खुशहाली के लिए सरकार की गहरी प्रतिबद्धता दोहराई •
अर्थ समिट नाबार्ड और आईएएमएआई (IAMAI) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण नवाचार को बढ़ावा देना और नवाचारकर्ताओं, किसान समूहों, महिला उद्यमियों और स्थानीय समुदायों के परिवर्तनकारी समाधान प्रदर्शित करना है। • यह उद्घाटन सम्मेलन 20–21 नवंबर 2025 को हिटेक्स एग्ज़िबिशन सेंटर, हैदराबाद में आयोजित किया गया।


हैदराबाद, 22 नवंबर 2025: तेलंगाना के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री भट्टी विक्रमार्का मल्लू ने अर्थ समिट 2025-26 के हैदराबाद संस्करण के उद्घाटन सत्र में ‘टुवर्ड्स एन इन्क्लूसिव इकोनॉमिक फ्यूचर: एम्पावरिंग रूरल इंडिया थ्रू रिफॉर्म एंड इनोवेशन’ विषय पर बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा सिंचाई, डिजिटल फसल रिकॉर्ड और फसल कटाई के बाद की व्यवस्था में किए जा रहे निवेश से ग्रामीण परिवारों का भरोसा फिर से वापस लाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, “ये कदम दर्शाते हैं कि हमारी सरकार किसानों के साथ सिर्फ मुश्किल के समय ही नहीं, बल्कि उनकी रोज़मर्रा की प्रगति और खुशहाली की यात्रा में भी उनके साथ मजबूती से खड़ी है।”
ग्रामीण विकास को लेकर सरकार की सोच पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा: “तेलंगाना में हमारे सभी प्रयास डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीटेक, फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा और इनक्यूबेशन नेटवर्क समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा हैं। ग्रामीण विकास धीरे-धीरे नहीं, बल्कि तेजी से और बड़े स्तर पर होना चाहिए।”
तेलंगाना सरकार के एग्रीकल्चर, मार्केटिंग, को-ऑपरेशन और हैंडलूम्स एवं टेक्सटाइल्स विभाग के माननीय मंत्री श्री तुम्मला नागेश्वर राव ने भी सरकार के मजबूत समर्थन को दोहराते हुए कहा: “खेती हमारी अर्थव्यवस्था की नींव है। भारत की प्रगति के लिए हमें नवाचार, तकनीक और सामूहिक प्रयास के माध्यम से किसानों को मजबूत करना होगा। प्रत्येक किसान को लाभ पहुंचाने वाली एक सशक्त सहकारी और मार्केटिंग व्यवस्था विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर आवश्यक सहयोग देने के लिए तैयार है ।”
सहकारी व्यवस्था को फिर से मजबूत बनाने की जरूरत और नई पीढ़ी की खेती की ज़रूरतों पर बात करते हुए, नाबार्ड के चेयरमैन श्री शाजी केवी ने कहा, “ग्रामीण वित्त 2.0 की संरचना नाबार्ड द्वारा तैयार की जा रही है और आगे बढ़ाई जा रही है।” उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था डिजिटल रियल-टाइम किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़ी होगी और कर्ज देने की प्रक्रिया कागज़ी फाइलों के बजाय डेटा के आधार पर की जाएगी। उन्होंने आगे कहा, “हम भारत सरकार और तेलंगाना सरकार समेत राज्य सरकारों के साथ मिलकर सहकारी व्यवस्था को डिजिटल बनाने पर काम कर रहे हैं।”
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की क्षमता के बारे में बात करते हुए, श्री शाजी केवी ने कहा, “आज ग्रामीण भारत को विकास का असली इंजन बनना होगा। लेकिन इसके लिए हमें दो चीज़ें सही करने की ज़रूरत है– विकास से जुड़ी चुनौतियाँ, जिन्हें सिर्फ छोटे-छोटे बदलाव से हल नहीं किया जा सकता, और अवसर, जिन्हें पुराने तरीकों या पारंपरिक सोच से नहीं पाया जा सकता।” उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में तेजी से विकास लाने के लिए नए सिस्टम, नए संस्थान, नई डिजिटल संरचनाएँ, नई साझेदारी और सबसे महत्वपूर्ण, नई सोच की जरूरत है।
उद्घाटन सत्र को नाबार्ड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर श्री गोवर्धन सिंह रावत और डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार सूद ने भी संबोधित किया। दोनों ने भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए नाबार्ड की प्रतिबद्धता को दोहराया।
अर्थ समिट 2025–26 का आयोजन नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह दो दिवसीय सम्मेलन दक्षिण, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के पॉलिसीमेकर्स, स्टार्टअप्स, वित्तीय संस्थानों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, क्लाइमेट-टेक इनोवेटर्स और ऊर्जा कंपनियों को एक साथ लाकर ग्रामीण भारत के भविष्य पर नए विचार साझा करने का मंच प्रदान करता है। इस साल का अर्थ समिट हैदराबाद में शुरू हुआ, जबकि अगले संस्करण गांधीनगर और दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे।
इस समिट को इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, और भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का ऑफिस जैसे कई प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों का समर्थन मिला है। इन संस्थाओं का सहयोग टेक्नोलॉजी और नीतियों के समन्वय के माध्यम से ग्रामीण विकास को मजबूत करने के सामूहिक प्रयास को दर्शाती है।
वैश्विक बदलाव के लिए ग्रामीण नवाचार को सशक्त बनाना’ थीम पर आधारित, हैदराबाद संस्करण 20-21 नवंबर 2025 को हिटेक्स एग्ज़िबिशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इसमें 2,000 से अधिक प्रतिभागी, 80 से अधिक वक्ता और पैनलिस्ट, 50 से अधिक प्रदर्शक, 25 से अधिक सत्र, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी, और 1 प्रमुख हैकथॉन शामिल होंगे।
हैदराबाद में अर्थ समिट के पहले दिन में मुख्य भाषण, फायरसाइड चैट, पैनल चर्चा और इम्पैक्ट सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सरकार और अन्य प्रमुख संस्थाओं के प्रतिष्ठित व्यक्ति – श्री भट्टी विक्रमार्का मल्लू (तेलंगाना के माननीय डिप्टी चीफ मिनिस्टर), श्री तुम्मला नागेश्वर राव (तेलंगाना सरकार के माननीय एग्रीकल्चर, मार्केटिंग, को-ऑपरेशन और हैंडलूम और टेक्सटाइल मिनिस्टर), श्री शाजी के.वी. (चेयरमैन, नाबार्ड), श्री सुभो रे (प्रेसिडेंट, आईएएमएआई), श्री जी. एस. रावत (डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, नाबार्ड), श्री चिन्मय कुमार (रीजनल डायरेक्टर, भारतीय रिजर्व बैंक, हैदराबाद), श्री आशीष चौधरी (चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, नैबवेंचर्स), आदि ने हिस्सा लिया.
अर्थ समिट 2025-26 हाइलाइट्स:
अनुमानित प्रतिनिधि– 10K; वक्ता– 500+; एग्ज़िबिटर्स – 250+; वर्कशॉप्स / मास्टरक्लासेस / शोकेस – 30+; हैकाथॉन्स – 2



