
संभावनाएं असीमित होती हैं। ईरान और इस्राइल युद्ध इसे साबित करते हैं। कभी बैकफुट पर दिखाई दे रहा ईरान सेजल हाइपरसोनिक मिसाइल के इस्राइल पर प्रहार के बाद नए रूप में दिखाई दे रहा है। रूस, चीन ने मध्यपूर्व में इस्राइल के बहाने बढ़ते अमेरिकी दखल को रोकने के लिए शांति के प्रयास का विंडो खोल दिया है। रूस के तेवर सख्त हैं। ऐसे में क्या अब अमेरिका और इजरायल को अपने कदम पीछे खींचने पड़ेंगे?रूस का साफ स्टैंड के साथ ईरान के साथ खड़ा होना पूरे समीकरण को नई दिशा दे रहा है। पहले भी माना जा रहा था कि देर सबेर रूस आगे आएगा। इसका एक बड़ा कारण यूक्रेन के साथ युद्ध में ईरान का रूस को समर्थन देना भी है। सीरिया में भी बसर अल असद की सरकार को बचाने के लिए ईरान ने रूस का साथ दिया था। सामरिक और रणनीतिक मामलों के जानकार भी मानते हैं कि मध्य पूर्व में रूस हमेशा संतुलन बनाने के लिए दखल देता रहा है। खासकर पुतिन के कार्यकाल में रूस ने हमेशा भू-राजनीतिक परिस्थिति का संतुलन बिगड़ने से रोकने का प्रयास किया है। अभी के संकेत से यही लग रहा हैकि इस जंग में अमरिका कूदा तो आगे महासंग्राम छिड़ने की संभावना बढ़ सकती है।
इस्राइल धमका रहा है, अमेरिका तैयारी कर रहा है…
इस्राइल अपने अस्पताल पर ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल गिरने के बाद आग बबूला है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भाषा अब निबटाने वाली हो गई है। इस्राइल का पूरा सहारा, भरोसा अमेरिका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ईरान और उसके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई को दबाव में लाने, चेतावनी देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बड़े तरीके से अमेरिका ने यूएसएस निमित्ज को भी दक्षिण चीन सागर से डिएगो गार्शिया की तरफ रवाना कर दिया है। बी-52 बॉम्बर और 3000 पाऊंड के बम से ईरान के फोर्डे परमाणु संयंत्र को ध्वस्त करने तक के संकेत दिए जा रहे हैं। अमेरिका मे मध्यपूर्व के देशों में अपने दूतावासों को आंशिक रूप से खाली कर दिया है। बहरीन, कुवैत, यूएई समेत अन्य देशों से अपने कर्मियों के परिवार को वापस बुला रहा है। बाजी को इस्राइल के पक्ष में पलटने के लिए अभी कई तरह के दांव खेल रहा है। अर्थ यह हुआ कि दबाव की हर रणनीति अपना रहा है। जबकि इजरायल के अग्नेयास्त्र ईरान को धुआं धुआं करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
ईरान से 2000 किमी के भीतर अमेरिका के आठ सैन्य अड्डे चिंता की बात
अमेरिका के मध्यपूर्व में 8 स्थायी सैन्य अड्डे हैं। ये बहरीन, कुवैत, इराक, जार्डन, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में हैं। इसके अलावा करीब 11 स्थानों पर उसके अस्थाई सैन्य अड्डे हैं। पूरे मध्य-पूर्व में उसके 50-55 हजार सैनिकों के तैनात होने की संभावना है लेकिन अमेरिका के लिए चिंता की बात यह है कि यह सभी ईरान से 2000 किमी के भीतर हैं। ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 200-2500 किमी तक है। इन मिसाइलों को अमेरिकी वायुरक्षा प्रणाली के अलावा खुद की प्रणाली से संपन्न होने के बाद भी इस्राइल रोक पाने में नाकाम है। अमेरिका के लिए चिंता की बात यह भी है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई उसे इजरायल की मदद करने की दशा में धमका रहे हैं। सीधे अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की चेतावनी दे रहे हैं।