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पुणे कमाने गए थे बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के आरोपी, नहीं है कोई आपराधिक रिकॉर्ड

मुंबई में शनिवार रात कुछ अज्ञात हमलावरों ने एनसीपी (अजित गुट) के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी. पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. सोशल मीडिया पर गैंग के सदस्य का एक फेसबुक पोस्ट वायरल हो रहा है. इस मामले के 2 आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अन्य फरार है. फरार आरोपी हरियाणा का रहने वाला है जबकि 2 अन्य जिसकी गिरफ्तारी हो चुकी है वो यूपी के बहराइच का रहने वाला है.  शिवा और धर्मराज काश्यप के  परिवार वाले इस घटना से हतप्रभ हैं.

शिवा कमाने पुणे गया है…

मुंबई में कल हुई बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बहराइच के आरोपियों का नाम आने से यहां गंडारा ग्राम में हलचल बढ़ गई है. दोनों ही आरोपियों का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं रहा है. एक आरोपी शिवा की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब में सुबह जगी तो अपने काम में लगी थी उसी समय पता चला कि मुंबई में मेरा बेटा फंस गया है. मेरा बेटा पुणे में रहता था. मैंने सवाल किया कि वो लोग तो पुणे में रहते थे मुंबई कैसे पहुंच गए? शिवा मेरा बड़ा बेटा है वो होली के 8 दिनों के बाद यहां से गया था. पहले कभी भी कोई अपराध उसने नहीं किया था.
वहीं एक अन्य आरोपी धर्मराज की मां ने बताया कि पुलिस आयी थी. पुलिस ने पूछा कि तुम्हारा लड़का कहां है? मैंने बताया कि पुणे में है. उन्होंने कहा कि कुछ सुना है उसे लेकर. मैने बताया कि नहीं मुझे नहीं पता है. मेरी लड़के से बात नहीं हुई है. पुलिस लिखकर ले गयी है.

गांव के प्रधान हसनैन ने कहा कि जब हमें इस बात की जानकारी हुई तो हम बिल्कुल सन्न रह गए. हमारे गांव का नाम आना हम लोगों के लिए ठीक नहीं है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि सच्चाई क्या है. पुलिस पहचान करने के लिए आयी थी. दोनों ही काफी सज्जन परिवार से आते हैं. दोनों को ही आवास मिला हुआ है. क्राइम ब्रांच जांच कर रही है. पुणे में लड़का कबाड़ का काम करता था. दोनों आरोपी एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं

हरियाणा का रहने वाला है तीसरा आरोपी
तीसरा आरोपी गुरमेल कैथल के गांव नरड का रहने वाला है. बुजुर्ग के नाम पर उसके परिवार में मात्र एक दादी रहती हैं. गुरमेल की दादी ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि वह 11 साल पहले ही गुरमेल को अपने परिवार से बेदखल कर चुके हैं. गुरमेल की दादी 60 वर्षीय फूली देवी ने कहा, वह मेरा पोता लगता है. लेकिन अब वह मेरा कुछ नहीं लगता है. 11 साल से हमने उसको परिवार से बेदखल कर दिया था. तब से वह हमारा कुछ नहीं लगता है. अब चाहे तो कोई उसको मारे या फिर छोड़े, हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है. उसका चार-पांच महीने से हमें कोई अता-पता नहीं है. तब से उसका न कोई फोन आया है और न ही वह घर आया है.
जानकारी अनुसार आरोपी के मां-बाप की मृत्यु हो चुकी है और लंबे समय से अपने गांव में नहीं रह रहा था. गुरमेल की दादी ने बताया कि घर में केवल वह और उनका एक पोता रहता है. जानकारी के मुताबिक आरोपी गुरमेल  साल 2022 में एक युवक की हत्या करने के मामले में कैथल जेल में बंद था. उसके बाद जमानत पर बाहर आने के बाद मुंबई में वह लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के साथ संपर्क में आया. यह भी बताया जा रहा है कि गुरमेल कैथल जेल में ही लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के संपर्क में आया था.आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी की थी, वे डेढ़ से दो महीने से मुंबई में रहकर बाबा सिद्दीकी पर नजर रख रहे थे. मुंबई क्राइम ब्रांच की कई टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं.

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