एजुकेशनमध्य प्रदेश

क्लास रूम में होता है देश के भविष्य का निर्माण- डॉ. दविश जैन

प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च भोपाल में 120 प्राचार्यों को किया गया सम्मानित

भोपाल, 11 जनवरी। प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल के सुरम्य परिसर में  11 जनवरी  को   प्रिंसिपल्स एंड एकेडमिक मीट का आयोजन किया गया। इस विशिष्ट कार्यक्रम में भोपाल एवं आस-पास के क्षेत्रों से 120 से अधिक प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्राचार्यों और शैक्षणिक नेतृत्वकर्ताओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम में विशिष्ट शैक्षणिक योगदान देने वाले प्राचार्यों और शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में प्रेस्टीज फाउंडेशन के कुलाधिपति डॉ. दविश जैन, प्रेस्टीज भोपाल के अध्यक्ष  हिमांशु जैन, मुख्य अतिथि एवं सरस्वती विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय (सीबीएसई) के प्राचार्य  विवेक शर्मा , तथा पीआईएमआर भोपाल के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. अनिल बाजपेई सहित काफी संख्या में शिक्षाविद मौजूद थे।मुख्य अतिथि  विवेक शर्मा  ने अपने प्रेरक उद्बोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला और भारतीय संस्कृति के साथ आधुनिक शिक्षा के समन्वय पर विशेष जोर दिया। उन्होंने शिक्षा में नवाचार और परंपरागत मूल्यों के संतुलन की आवश्यकता पर भी बल दिया।समारोह में उपस्थित सभी संकाय सदस्यों के उत्कृष्ट कार्य की भी सराहना की गई। कार्यक्रम ऊर्जा, उत्साह और भव्यता से परिपूर्ण रहा, जिसमें शिक्षा जगत के दिग्गजों ने भविष्य की शिक्षा के विभिन्न आयामों पर अपने विचार साझा किए। यह आयोजन शैक्षिक नेतृत्व और नवाचार को प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च भोपाल के अध्यक्ष डॉक्टर दविश जैन ने कहा कि प्राचार्य बच्चों के जीवन में परिवर्तनकारी भूमिका निभाते हैं और भविष्य के शिल्पकार हैं। उन्होंने कहा कि देश के भविष्य का निर्माण क्लासरूम में होता है। प्राचार्य और शिक्षक हीं देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। डॉ दविश जैन ने कहा कि हम अपने संस्थान में समावेशी शिक्षा पर जोर देते हैं कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए इसके अलावा हम नवाचार पर अधिक जोर देते हैं जिसमें कृषि, उद्यमिता, ऑर्गेनिक फार्मिंग , कम्प्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा दैनिक जीवन के लिए उपयोगी शिक्षा पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक लक्ष्य हासिल न हो प्रयास करते रहना चाहिए।

हनुमान जी और गणेश जी भारत में दो ही ब्रांड हैं-डॉ अनिल बाजपेई
पी आई एम आर के ग्रुप डायरेक्टर डॉक्टर अनिल बाजपेई ने कार्यक्रम में संबोधन देते हुए कहा कि हमारे देश में केवल दो ही ब्रांड है वह है हनुमान जी और गणेश जी। दो वाजपेई ने कहा कि हमने कई संस्थानों में काम किया और सभी बच्चों को अपना ही बच्चा समझा। दो वाजपेई ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए छात्र ही सबसे ऊपर होते हैं छात्रों से ही फैकल्टी और संस्थान का अस्तित्व है।

शिक्षा राष्ट्र की जरूरत को पूरा करती है-विवेक शर्मा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शारदा विहार स्कूल के प्राचार्य विवेक शर्मा ने कहा कि शिक्षा व प्रक्रिया है जो राष्ट्र की जरूरत को पूरा करती है। सक्षम युवा पीढ़ी तैयार करना ही शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कांम्पिटेंसी यानी प्रतिस्पर्धा पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को आज के दौर में प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए कांम्पिटेंसी का मतलब है कि विद्यार्थियों को किसी भी विषय के बारे में फंडामेंटल जानकारी होनी चाहिए क्योंकि नौकरी डिग्री नहीं बल्कि दक्षता से प्राप्त होती है। शर्मा ने दक्षता को परिभाषित करते हुए कहा कि यह हाथ हार्ट एंड हेड का समन्वय है यानी स्केल में ज्ञान इच्छा और क्रिया का समावेश होता है तब शिक्षा प्रयागराज बन जाती है आवृत्ति से ही अभ्यास होता है।

लंदन में से लेकर विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं प्रेस्टीज के पास आउट- डॉ राजीव रघुवंशी
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च तीन दशक से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है यहां से निकले छात्र लंदन मेयर से लेकर देश-विदेश में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं प्राचार्य और शिक्षक ही बच्चों को न्यू प्रदान करता है प्रेस्टीज बच्चों को संपूर्ण और मजबूत बनाता है हम क्वालिटी एजूकेशन और सर्वांगीण विकास के लिए वचनबद्ध हैं।हिमांशु जैन ने सभी अतिथिगण, प्राचार्य एवं शैक्षणिक नेतृत्वकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी के प्रयासों से ही हमारी युवा पीढ़ी भविष्य के सक्षम नेतृत्वकर्ता के रूप में विकसित हो रही है।

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