अनुभवों की भट्टी में तपे लोगों का जीवन सभी के लिए प्रेरक — उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल
सेवानिवृत्त पीसीसीएफ श्री रावत की पुस्तक ‘एक फॉरेस्ट ऑफिसर की डायरी’ का किया विमोचन



उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि अनुभवों की भट्टी में तपे लोगों का जीवन वृतांत सभी के लिए मार्गदर्शक होता है। सार्वजनिक जीवन, समाज सेवा, टीम वर्क, योजनाबद्ध कार्यप्रणाली और आदर्श नेतृत्व कैसा होना चाहिए, यह इस पुस्तक के विभिन्न वृत्तांतों से पाठक सीख सकेंगे। वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को यह पुस्तक न केवल अपने दायित्वों के विधिवत निर्वहन की प्रेरणा देगी, बल्कि सार्वजनिक जीवन में आचरण और व्यवहार का भी आदर्श प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध प्रयास, लगन और समर्पण की सीख युवा वर्ग इस पुस्तक से प्राप्त कर सकता है। अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए जीना ही सही मायनों में जीवन का सार है — यही इस कृति का संदेश है।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल भोपाल में सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) श्री एस. आर. रावत द्वारा लिखित पुस्तक ‘एक फॉरेस्ट ऑफिसर की डायरी’ के विमोचन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 93 वर्ष की आयु में भी श्री रावत का यह प्रयास नागरिकों को पचास वर्ष पूर्व के प्रशासनिक, सामाजिक और प्राकृतिक परिदृश्य से परिचित कराता है। यह उनके मानवता और समाज के प्रति समर्पण की मिसाल है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने श्री रावत के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की।
लेखक एवं सेवानिवृत्त पीसीसीएफ श्री एस. आर. रावत ने बताया कि यह पुस्तक वन प्रशिक्षण में विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होगी। साथ ही सामान्य पाठकों के लिए भी यह अत्यंत रोचक और प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि इसके प्रसंग पाठकों को प्रकृति से गहरे रूप से जोड़ देंगे। पुस्तक में बोरी, सतपुड़ा, कान्हा, पेंच, अबूझमाड़, कांकेर घाटी सहित अनेक टाइगर रिजर्व, वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी और नेशनल पार्क के यादगार अनुभव दर्ज किए गए हैं। लेखक श्री रावत ने बताया कि अमरकंटक और चित्रकूट जैसे धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थलों के विहंगम दृश्य भी पुस्तक की विशेषता हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों का संग्रहण एक बड़ी चुनौती थी, जबकि वर्षों पुराने फोटोग्राफ का समायोजन इस पुस्तक का मुख्य आकर्षण है। उन्होंने इस कार्य में सहयोग देने वाले परिवार के सदस्यों एवं अन्य सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. एन. अम्बाड़े ने कहा कि श्री रावत के अनुभव वन विभाग की कार्यप्रणाली को और सशक्त एवं प्रभावी बनाने में सहायक होंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ एवं सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी तथा वन विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।
