अध्यात्मखबरदेश

161 फीट ऊंचा होगा श्री राम मंदिर का शिखर,अष्टकोणीय आकार में होगा निर्माण

120 दिन में होगा तैयार; दरबार में स्थापित की जाएंगी बैठी हुई मूर्तियां

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिखर का निर्माण नवरात्रि के पहले दिन से शुरू हो गया है। इस अवसर पर पहला पत्थर रखा गया। यह शिखर 161 फीट ऊंचा होगा और इसे 120 दिन में तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि यह शिखर अष्टकोणीय (8 दिशाओं वाला) होगा, जो कि भारतीय मंदिर निर्माण में एक नई बात है।

अष्टकोणीय बनाया जाएगा राम मंदिर का शिखर
राम मंदिर का शिखर आमतौर पर चतुष्कोणीय (चार दिशाओं वाला) होता है, लेकिन यह अष्टकोणीय होगा। यह डिज़ाइन भगवान विष्णु के कमल के आसन से प्रेरित है, जो भी अष्टकोणीय है। पुरातत्व विभाग की खुदाई के दौरान पता चला था कि मंदिर का गर्भगृह भी अष्टकोणीय है।
भूकंप में भी सुरक्षित रहेगा शिखर!
मंदिर के शिखर की ऊंचाई सुरक्षित है। इसके डिजाइन में विशेष ध्यान रखा गया है ताकि यह भूकंप जैसी आपदाओं का सामना कर सके। शिखर को रिक्टर स्केल पर 8-10 तीव्रता के भूकंप में भी सुरक्षित रहने के लिए तैयार किया गया है। यदि आवश्यकता पड़ी, तो इसकी ऊंचाई को बढ़ाया भी जा सकता है। नागर शैली के मंदिरों में संरचना की मजबूती का ध्यान दोगुना रखा जाता है।

गर्भगृह की विशेषताएं
राम मंदिर का गर्भगृह 20×20 वर्ग फीट का होगा। यहां भगवान राम और सीता की मूर्तियां सिंहासन पर होंगी, जबकि लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत और हनुमान जी भूमि पर बैठे होंगे। इस प्रकार, श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव होगा कि वे राम दरबार में उपस्थित हैं। भगवान सीता राम की मूर्ति की ऊंचाई 5 फीट होगी। इस प्रकार, अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अनुभव प्रदान करेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button