मध्य प्रदेश

टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा “महापूर” नाटक का मंचन

नाट्य विद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों की मनमोहक प्रस्तुति

भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के 2022-24 बैच के अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा “महापूर” नाटक का मनमोहक मंचन किया गया। नाटक का लेखन सतीश आलेकर ने किया है। नाटक की परिकल्पना एवं निर्देशन अनिरुद्ध खुटवड ने किया है।

नाटक के बारे में:

सतीश आलेकर कृत नाटक महापूर की कहानी गोविंद कवठेकर के वास्तविक और काल्पनिक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। गोविंद के पिता रघुनाथ कवठेकर और माता अनुसूया 40वे दशक के पूर्वार्द्ध और उत्तरार्ध में देश की आज़ादी की लड़ाई में भाग लेने वाले आदर्श वादी स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक आदर्शवादी माता पिता भी हैं। गोविंद अपने पड़ोस की एक लड़की सुलभा के प्यार में सराबोर हो जाता है। जितना प्रेम गोविंद के मन में सुलभा के प्रति है उससे भी अधिक घृणा अपने माँ-बाप के प्रति उसके मन में घर कर चुकी है। वास्तविक जीवन में गोविंद सुलभा के अलावा किसी को स्वीकार नहीं कर पाता लेकिन सुलभा का विवाह कहीं और पक्का हो जाता है। इसी बीच कहानी में एक रहस्यमय आदमी का आगमन होता है जो कि गोविंद को उसके काल्पनिक जीवन से यथार्थ जीवन में लाने के अथक प्रयास करता हुआ दिखाई देता है। आज़ादी के बाद देश में हुई उथल-पुथल के कारण देश के लोग राजनीतिक, आर्थिक और मानसिक रुप से प्रभावित हुए। ये पूरा नाटक गोविंद कवठेकर के मन में आए आकस्मिक विचारों एवं मानसिक संवेदनाओं को दर्शाता है।

निर्देशक के बारे में:

अनिरुद्ध खुटबाह राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र हैं, इन्होंने हिंदी, मराठी और भारत भर के विभिन्न रंगमंच एवं फिल्म संस्थानों में बतौर अतिथि अध्यापक यथार्थ अभिनय कार्यशालाओं का संचालन किया है साथ ही इन संस्थानों में विविध भाषाओं में नाटकों का निर्देशन किया है जिनमें मुख्य रूप से हैं: फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (पुणे), नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (नई दिल्ली), राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (सिक्किम, बैंगलुरु, ड्रामा स्कूल (मुंबई), निनासम, (हेम्णोड), मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय (भोपाल), आर नारायणन नेशनल हेस्टीट्यूट (कोट्टायम), एम आई टी यूनिवर्सिटी (पुणे), फ्लेम यूनिवर्सिटी (पुणे) आदि।

अनिरुद्ध खुटवड के कुछ निर्देशकीय उपक्रमों में शामिल हैं: महापूर, मीता की कहानी, टैक्स फ्री, द पार्क, द लोअर डेप्थ्स, अधांतर, इल्हाम, द गुड़ डॉक्टर, जूलियट और उसका रोमियो, मिस्टर बेहराम, रक्तपुष्पा, तुलसी की माला, खेलिमली, छैन मीन टीन, काय डेजर वारा सुटलाय, लाइट्स आउट, कोण मानतो टक्का दिला, तू वेडा कुंभार, तलघर, पार्टी, डॉक्टर, विरासत तालाब की ओर खंडहर आदि है।

उनके कई नाटक जैसे महापुर, एक रिकामी बाजू, सैयां भये कोट तवाल, मिस्टर बेहराम और ‘विरासत को भारत रंग महोत्सव सहित विभित्र नाट्य समारोहों में खूब सराहा गया है।

अनिरुद्ध खुटवड विनोद दोशी थिएटर फेलोशिप अवॉर्ड (2012), प्रयोगकर्मी पुरुस्कार (2011) और प्रतिथयश मनोहर सिंह स्मृति पुरस्कार (2011) दिया गया है।

लेखक के बारे में:

सतीश आलेकर प्रसिद्ध मराठी नाटककारों और रंगमंच निर्देशकों में से एक हैं। वे पुणे स्थित थिएटर अकादमी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। सतीश वसंत आलेकर का जन्म 30 जनवरी, 1949 को दिल्ली में हुआ था, लेकिन वे महाराष्ट्र राज्य में पले-बढ़े।

आलेकर मराठी में लिखे गए कई प्रमुख नाटकों के लेखक हैं। उनके उल्लेखनीय नाटक हैं एक जुलता पूल, मिकी और मेमसाहिद, महानिर्वाण, महापुर, बेगम बर्वे, शनिवार-रविवार, अतीरेकी, पीडिजट (राजवंश, 2003), एक दिवस माथकड़े (2012)। इनमें से कुछ लघु नाटक है और कुछ पूर्ण नाटक हैं जिन्हें कई लोगों ने सराहा है।

आलेकर को रंगमंच और साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें 1983 में न्यूयॉर्क के एशियाई संस्कृति परिषद से संयुक्त राज्य अमेरिका में रंगमंच का अध्ययन करने के लिए और 1988 में दक्षिण एशिया के रंगमंच का अध्ययन करने के लिए फोर्ड फाउंडेशन से फेलोशिप मिली है। उन्हें 1992 में कोलकाता में नंदीकार सम्मान पुरस्कार मिला। उन्हें 1994 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

उन्हें एक आधुनिक मराठी नाटककार के रुप में माना जाता है, जिन्होंने समाज, धर्म, ईश्वर और यहाँ तक कि स्वयं से भी

मनुष्य के अलगाव को दशनि का प्रयास किया है। उनके कई नाटक आधुनिक समाज में मौजूद तनावों को दर्शाते हैं जो पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ टकराव के कारण है। आम तौर पर उनके नाटक मध्यम वर्ग के मूल्यों का उपहास करते हैं और मानय अस्तित्व के बेतुकेपन पर जोर देते हैं।

*पात्र परिचय:*

*महापूर*

गोविंदा – राजा चौधरी
सुलभा – किरण साहू
आदमी – हैदर अली
पड़ोसी- मार्क फर्नान्डिस
गोविंद के पिता- उदय भान यादव
गोविंद की माता – रश्मि कुकरेती
सुलभा के पिता – ऋषभ कुमार चतुर्वेदी

*मंच परे:*

सह निर्देशन – दाऊद हुसैन
मंच परिकल्पना – राम सिंह पटेल
वस्त्र परिकल्पना – प्रिया भदौरिया
प्रकाश परिकल्पना – संकेत पारखे
ध्वनी परिकल्पना – दाऊद हुसैन
प्रस्तुति प्रबंधक – अविजित सोलंकी, डॉ. चैतन्य आठले विशेष सहयोग – मनोज नायर, विक्रांत भट्ट
पोस्टर परिकल्पना – सरस कुमार
ब्रोशर – कमलेश ठाकुर, अमन जैन परिकल्पना एवं निर्देशन अनिरुद्ध खुटवड
आभार: भारत एक खोज (संगीत निर्देशक स्व. वनराज भाटिया)

*जनसंपर्क विभाग*
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय
मो. 9826861171, 9039755242
फोन 0755-2700479

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button