मध्य प्रदेश

रक्षक ही बने वन्य जीवों के भक्षक,बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी -कर्मचारी ही करा रहे वन्यजीवों का शिकार

रेंजर दीपकराज प्रजापति एवं विजय शंकर श्रीवास्तव, रेंज ऑफिसर धमोखर प्रेमलाल नापित, डिप्टी रेंजर मुन्नालाल बैंगा मुख्य आरोपी

बांधवगढ़, 21 जुलाई। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले अधिकारी -कर्मचारी ही जानवरों का शिकार करवा रहे हैं। चीतल और हिरन जैसे जानवरों के शिकार का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। टाइगर रिजर्व के कर्मचारी प्रीतम कौल ने अधिकारियों और कर्मचारियों पर यह आरोप लगाया है। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में टाईगर प्रोटेक्शन के नाम पर  इनक्लोजर परिक्षेत्र मग्धी में विगत 12 वर्षो से पार्क प्रबंधन के द्वारा वन्य प्राणियों का शिकार किया जाता है, जो कि वाईल्ड लाईफ एक्ट के तहत संघेय अपराध की श्रेणी में आता है। प्रीतम कौल ने  कहा कि मेरे द्वारा श्रमिकों की समस्या व वन्य प्राणियों के शिकार के संबंध में जानकारी उपसंचालक को के साथी दी गई तो मेरे ऊपर झूठी एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई । जिससे प्रतीत होता है, कि वरिष्ठ अधिकारियों के निगरानी में यह कार्य किया जाता है। यह कि विगत 12 वर्षो के उपरांत उक्त समयावधि में पदस्थ सभी अधिकारियों कर्मचारियों की जॉच कराई जावे |

सीबीआई जांच कराई जाए

कौल ने  कहा कि वर्तमान में कार्यरत रेंजर दीपकराज प्रजापति एवं विजय शंकर श्रीवास्तव रेंज ऑफिसर धमोखर प्रेमलाल नापित डीप्टी रेंजर मुन्नालाल बैंगा यह मुख्य आरोपी है, इनके माध्यम से उपसंचालक बांधवगढ़ का नाम लेकर कार्य को अंजाम दिया जाता है। इनका नारकोटेस्ट करवाया जाए एवं सी.बी.आई. जॉच कराया जाए।  पार्क प्रबंधन बांधवगढ़ में श्रमिकों को कार्य संचालन के लिये मौखिक आदेश किया जाता है कार्य की गम्भीरता को देखते हुये श्रमिकों को लिखित आदेश का प्रावधान किया जावें। जिससे हमारे किसी श्रमिकों को दिक्कत न हों। यह कि संघ के पदाधिकारियों के ऊपर  अनावश्यक एफ.आई.आर. दर्ज हुई उसकों निरस्त किया जाए । एवं हमारे श्रमिकों का अन्यंत्र ट्रांसफर और कार्य से निकाला न जाए । अतः उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय जॉच कराकर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किये जाने का कष्ट करे ।

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