प्रत्येक शरीर में मौजूद है धुंधकारी
श्री शिव शक्ति धाम सिद्ध आश्रम ग्राम निपानिया जाट श्रीमद् भागवत कथा

श्री शिव शक्ति धाम सिद्ध आश्रम ग्राम निपानिया जाट जिला भोपाल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पं०सुशील महाराज ने गोकर्ण-धुंधकारी की कथा श्रोताओं को सुनाई।एवं वताया कि प्रत्येक मनुष्य के शरीर में धुंधकारी मौजूद है। आत्मदेव ब्राह्मण को शरीर में आत्मा का रूप बताया । शरीर में मौजूद मन को साक्षात धुंधकारी बताया।कथा में धुंधकारी को जलाकर मारने वाली वैश्याओं को शरीर में मौजूद इंन्द्रियों की उपमा दी गई।श्री सुशील महाराज ने बताया कि मनुष्य के शरीर में कुल 10 इन्द्रियां होती हैं। जिसमें 5 ज्ञानेन्द्रियां एवं 5 कर्मेंद्रियां होती हैं।यह वैश्या रुपी 5कर्मेन्द्रियां काम, क्रोध,मद,लोभ,मोह के बसीभूत होकर मन रूपी धुंन्धकारी को मरवा देती हैं।गोकर्ण को मानव शरीर में विवेक की उपमा दी गई। एवं धुंधली को मानव शरीर में बुद्धि का रूप बताया गया । श्री महाराज ने बताया कि इस संसार को छोड़ते समय श्री कृष्ण कन्हैया भगवान ने अपने शरीर को श्रीमद् भागवत में समाहित कर दिया था । इसलिए मनुष्य को श्रीमद् भागवत के पात्रों को अपने शरीर में ही ढूंढना चाहिए। भागवत कथा को सुनने से नहीं उसमें दी गई शिक्षा को अपने जीवन में उतारने से मनुष्य का कल्याण होता है।
(पंडित सुशील महाराज )
कथा वाचन एवं पीठाचार्य
श्री शिव शक्ति धाम सिद्ध आश्रम बैरसिया रोड भोपाल ।