शिवापुराण कथा में नाग पूजा के बाद सुनाई शिव-पार्वती के विवाह की कथा: पंडित सुशील

(कैसे हुई नागेश्वर की उत्पत्ति)
मां दुर्गा मंदिर देवकी नगर भोपाल में आयोजित श्री शिव महापुराण की कथा में आज दिनांक 9. 8.2024 को कथावाचक पंडित सुशील महाराज ने नागेश्वर की उत्पत्ति एवं महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया है। कि एक वीरसेन नाम का राजा था । जो भोले शिव का बड़ा भारी भक्त था। शिवाजी ने प्रसन्न होकर उसे एक लकड़ी की मछली दी। जो रांगे से मढी थी। उसे योग शक्ति द्वारा शक्ति संपन्न करके कहा तू इस मछली के सहारे से सेना समित शिविर में पहुंच जाएगा । वहां जाकर तू नागेश्वर नमक मेरे लिंग रूप का पूजन करना । उससे तुझे पशुपत अस्त्र की प्राप्ति होगी ।उससे तू दानवों का नाश कर देगा । मेरे इस दर्शन से तुझे किसी प्रकार की कमी नहीं होगी । ऐसा कहकर शिवजी अंन्तरध्यान हो गए । इस प्रकार वरदान पाकर नागेश्वर की कृपा द्वारा राजा वीरसेन बलशाली हो गया। और उसने असुरों का संहार कर दिया ।इस प्रकार नागेश्वर भगवान की महिमा सुनाने के बाद पंडित सुशील महाराज ने भोले शंकर एवं पार्वती के विवाह की कथा श्रोताओं को कही।
कथा शुरू होने के पूर्व पंडित लोचन शास्त्री द्वारा सामूहिक रूप से भोले शिव का रुद्राभिषेक करवाया गया । तथा पंडित श्याम सुंदर शर्मा द्वारा श्री शिव महापुराण की पुस्तक का पूजन किया गया।उपस्थित श्रृद्धालुओं नै भोलै शिव की आरती करवाई।और प्रसादी ग्रहंण की।
(पं०सुशील महाराज)