सिस्टम ने व्यवस्था बिगाड़ी, दफ्तरों से हर दिन गायब हो रहे सालों से जमे कर्मचारी
– मुख्यमंत्री की हिदायत का नहीं हो रहा कोई असर सभी आदेश बेअसर
भोपाल। मध्य प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ तो एक बार फिर विभागों में सालों से जमे अधिकारी कर्मचारी जन चर्चाओं का विषय बन गए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश जारी करने के बाद भी विभागों में व्यवस्था सुधर नहीं रही है। एक बार फिर मांग उठ रही है कि आखिर नई सरकार और नया निजाम तो आ गया है लेकिन विभागों में दीमक की तरह चिपके सालों से जमे अधिकारी और कर्मचारी आखिर कब हटेंगे। अनेक विभाग ऐसे हैं जहां यह लोक सेवक ड्यूटी करने तो आते हैं लेकिन कब गायब हो जाते हैं इसका हिसाब किताब नहीं है। शिक्षकों से लेकर इंजीनियर बाबू सहित अनेक संवर्गों के कर्मचारी एक ही पद पर सालों से जमकर जहां व्यवस्थाओं को चौपट कर रहे हैं वहीं इनके कारण भ्रष्टाचार को भी भारी बढ़ावा मिल रहा है। मांग उठाई गई है कि मोहन सरकार को अपनी नजर यहां घुमाना होगी। तभी प्रदेश की गरीब जनता को नैसर्गिक न्याय मिल पाएगा।
-एक भी विभाग में नहीं सामान्य प्रशासन के निर्देशों का पालन- विश्वजीत
वरिष्ठ कर्मचारी नेता विश्वजीत सिंह सिसोदिया का कहना है कि मध्य प्रदेश में लाख कोशिशों के बाद भी सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा है। सरकारी स्तर पर दावे जरूर बहुत बड़े-बड़े किये जा रहे हों। लेकिन हकीकत इसके उलट दिख रही है। सालों से एक ही कुर्सी पर जमे अधिकारी कर्मचारियों की करतूतें यह गवाही दे रही हैं। भोपाल के स्टेट गैरेज में सालों से जमे बाबू बदनामी का कारण बन रहे हैं। अन्य दफ्तरों की भी यही स्थिति है। शिक्षकों को जहां अधिकारी हटा नहीं पा रहे हैं वही इंजीनियर सालों से एक ही जगह जमकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। विश्वजीत आरोप लगाते हैं कि हस्ताक्षर करके अधिकारी कर्मचारी गायब हो रहे है। हर दिन विभागों में यह स्थिति देखी जा सकती है।
– हर विभाग में चल रही है खुलकर मनमानी- मनोज सिंह-
शासकीय अर्ध शासकीय वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी कल्याण संघ के महामंत्री मनोज सिंह कहते हैं कि स्टेट गैरेज में सालों से बाबू जमे हैं। जबकि सामान्य प्रशासन विभाग का नियम में कि 3 साल से अधिक कोई भी कर्मचारी एक ही कुर्सी पर बैठकर काम नहीं कर सकता है। उसके बाद भी मनमानी चल रही है। मनोज कहते हैं कि नियम का पालन होना चाहिए। अन्यथा व्यवस्थाएं बिगड़ी ही रहेगी। भागों में इसी प्रकार की स्थिति बनी हुई है। संगठन के महामंत्री मनोज सिंह कहते हैं कि इस संदर्भ में नए मुख्यमंत्री की शीघ्र पत्र लिखा जाएगा। मनोज कहते हैं कि स्टेट गैरेज सहित अन्य कार्यालयों में सालों से बाबूओं की जमावट पूरी व्यवस्थाओं को चौपट कर रही है। स्टेट गैरेज में तो लंबे समय से बाबू का एक ही कुर्सी पर बैठना कई व्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहा है। विभाग भी इस समस्या से पूरी तरह अवगत है। लेकिन चिंताजनक है कि इन बाबुओं को हटाया नहीं जा रहा है। इस विषय में सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
– बाबुओं ने शिक्षा व्यवस्था कर डाली बर्बाद- राजीव शर्मा
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश महासचिव राजीव शर्मा फिर वही बात दोहराते हैं कि बाबुओं ने पूरी शैक्षणिक व्यवस्था बर्बाद कर डाली है। लोक शिक्षण संचालक से लेकर राज्य शिक्षा केंद्र जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक कार्यालयू में कई सालों से बाबू जमे हुए हैं। इनकी करतूतों के कारण सभी कल्याणकारी योजनाएं चौपट है। भोपाल में तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और डीपीसी कार्यालयों में काम करते हुए बाबुओं का बुढ़ापा आ गया है। यह रिटायरमेंट के करीब है लेकिन इन्हें हटाया नहीं जा रहा है जबकि इन पर अधिकारियों की मिली भगत से अनेक नियम विरुद्ध काम करने के आरोप है।