मुंबई: कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ लंबे समय से विवादों में धिरी हैं। वहीं फिल्म की रिलीज को लेकर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि कंगना रनौत जो फिल्म ‘इमरजेंसी’ की सह-निर्माता हैं बोर्ड द्वारा सुझाए गए कट्स पर सहमत हो गई हैं। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीएफसी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदोश पूनीवाला की बेंच के समक्ष यह दलील दी थीं।
हाई कोर्ट फिल्म के को-प्रोड्यूसर जी स्टूडियोज की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें फिल्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट जारी करने की मांग की गई है। यह याचिका उस विवाद के बाद दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि फिल्म सिख समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक ज़ी स्टूडियोज़ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी ने बेंच को बताया कि कंगना रनौत ने सीबीएफसी के साथ बैठक की थी और फिल्म में कुछ कट के संबंध में सुझावों पर सहमति दे दी। सीबीएफसी ने फिल्म में कुल 13 बदलावों का सुझाव दिया जिसमें 6 इंसर्शन शामिल हैं, 4 एक्सक्लूजन और 3 मोडिफिकेशन शामिल हैं।
कंगना रनौत ‘इमरजेंसी’ की डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी हैं। उन्होंने फिल्म में इंदिरा गांधी का लीड रोल भी निभाया है। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से सिख समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे थे। यहां तक कि कंगना ने कथित तौर पर धमकियां मिलने का आरोप भी लगाया।