अध्यात्ममध्य प्रदेश

राम जन्म के हेतु अनेका, लेकिन श्री कृष्ण जन्म के हेतु हैं राम : पं०सुशील

(चौथे दिवस की कथा में मनाया राम जन्मोत्सव)
श्री शिव शक्ति धाम सिद्ध आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिवस कथा में श्री राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथावाचक पंडित सुशील महाराज ने श्रोताओं को जानकारी देते हुए बताया है। कि श्री राम का जन्म दिन की 12:00 बजे हुआ था । और रामायण में स्पष्ट लिखा है कि “मास दिवस कर दिवस भा मरम न जाने कोय, रथ समेत रबि थाकेउ निशा कवन विधि होय, सूर्य भगवान उस दिन एक महीने के बरावर हो गये थे।जिसकी वजह से चंद्र देवता रुष्ट हो गए। चंद्रमा की रुष्टता को देखकर भगवान श्री राम ने लघु रुप धारण किया। और चंद्रमा के पास पहुंच गए ।चंद्रमा को समझाया कि आज के बाद मेरे नाम के साथ तुम्हारा नाम जोड़ा जाएगा । सभी लोग मुझे राम के स्थान पर रामचंद्र कहकर की बुलाएंगे। चंद्र देवता फिर भी प्रसन्न नहीं हुए । तब राम ने चंद्रमा को वरदान दिया । कि द्वापर में जब मैं जन्म लूंगा तो रात के 12:00 बजे जन्म लूंगा। उस समय सबसे पहले चंद्रमा को ही मेरे दर्शन प्राप्त होंगे । यह सुनकर चंद्र देवता प्रसन्न हो गए । श्रीकृष्ण के जन्म का पहला हेतु यह था। श्री कृष्ण के जन्म का दूसरा हेतु यह है कि एक बार भगवान श्री राम अपने महल में एकांत में विश्राम कर रहे थे । तभी 16 स्त्रियां उनके पास कामुकता से आई । और उन्हें संतुष्ट करने की बात करने लगी ।तब राम ने कहा कि हमारा यह जन्म रामावतार मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में हुआ है। इस जन्म में मैं आपकी इच्छा को पूर्ति नहीं कर सकता हूं। हां आपको एक आश्वासन अवश्य दे रहा हूं। कि जब मैं द्वापर में कन्हैया बनकर के जन्म लूंगा । तब तुम्हें स्त्री रूप में अपनाऊंगा । भगवान श्री राम ने इस वाक्या को अपने गुरुदेव गुरु बशिष्ठ जी को बताया । तब गुरु वशिष्ट जी ने कहा कि हे राम तुम्हारे दरबार में आकर के 16 स्त्रियां बिना इच्छा पूर्ति के वापस हो गई हैं । तो यह तुम्हें पाप लगेगा। इसलिए तुम 16 स्त्रियों की सोने की मूर्ती बनवाकर ब्राह्मणों को दान कर दो। तो तुम्हारा यह दोष हट जाएगा। तब भगवान श्री राम ने 16 सोने की स्त्रियां बनवाई। और उन्हें ब्राह्मण को दान कर दिया तब ब्राह्मणों ने उन्हें वरदान दिया हे राम तुम्हें हजार गुना फल प्राप्त हो । ब्राह्मणों का यही वरदान द्वापर में आकर फलीभूत हुआ। और भगवान श्री कृष्ण ने 16000 स्त्रियों का वरण किया था ।
उधर एक यज्ञशाला में पंडित सुशील महाराज ने देवी हवन यज्ञ में छठवें दिवस आहुतियां डलवाकर छठवें दिवस का हवन यज्ञ पूर्ण करवाया। च्यवनआश्रम उत्तर प्रदेश से पधारे श्री श्री 1008 श्री परमात्मानन्द जी दंडी स्वामी , ने यज्ञ में आहुति डाली । एवं श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया।श्री लोचन महाराज जी हनुमान मंदिर कटारा हिल्स द्वारा श्रीमद्भागवत का पूजन किया गया।नागा महाराज श्री केशवानंद जी ने श्रीमद् भागवत की आरती उतारी।
(पं०सुशील महाराज)
कथावाचक एवं पीठाचार्य -श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम निपानिया जाट बैरसिया रोड भोपाल म0प्र0
मो०नं०- 9179006977

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