

मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के अध्यक्ष आइएएस अधिकारी संतोष वर्मा पर कार्रवाई के लिए चौतरफा दबाव बन गया है। आमतौर पर अलग-अलग नजर आने वाले भाजपा और कांग्रेस विधायकों के साथ कर्मचारी संगठन भी इस मामले में एकजुट हैं। भाजपा के दो सांसद भारत सरकार से संतोष वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई करने और उनकी कथित गलत पदोन्नति की जांच करने की मांग कर चुके हैं।
उधर, गुरुवार तक संतोष वर्मा को राज्य शासन के नोटिस का जवाब देना है। उन्हें सात दिन का समय दिया गया था। माना जा रहा है कि इसके बाद उनके विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ का कहना है कि जवाब आने के बाद विभाग क्या कार्रवाई करता है, इस पर हमारा अगला कदम तय होगा। वहीं, ब्राह्मण संगठनों का कहना है कि यह मामला ठंडा पड़ने वाला नहीं है।
यदि संतोष वर्मा के विरुद्ध एफआइआर नहीं होती है तो फिर आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अन्य प्रांतों के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी हमारे संपर्क में हैं और प्रदेश में बड़ा कार्यक्रम किया जा सकता है। उधर, पांच दिसंबर तक विधानसभा का सत्र है।
भारत सरकार पदोन्नति को लेकर कर सकती है पूछताछ
इस बीच, भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा और आलोक शर्मा ने केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री डा. जितेंद्र सिंह से संतोष वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। मिश्रा का कहना है कि संतोष वर्मा की पदोन्नति गलत हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए। माना जा रहा है कि भारत सरकार मुख्य सचिव से पदोन्नति को लेकर हुई शिकायत पर पूछताछ कर सकती है।


