राजनीतिक

जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर…’, एंबुलेंस घोटाले के आरोप पर शिंदे का जवाब

शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत के महाराष्ट्र सरकार पर एंबुलेंस घोटाले के आरोप का डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते। मेरा और मेरे बेटे श्रीकांत शिंदे का नाम एंबुलेंस घोटाले से जोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को संजय राउत ने आरोप लगाया था कि एंबुलेंस घोटाले से जुड़ी रकम को शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के फाउंडेशन में भेज दिया गया था। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो लोग मीठी नदी गाद घोटाले में फंसे हैं। जो लोग सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जो लोग खिचड़ी घोटाले में शामिल हैं, वे उन्हें उपदेश दे रहे हैं। हम बेदाग हैं। मुंबई की जनता ने शिवसेना यूबीटी को देखा है। यूबीटी ने 25 साल तक मुंबई को लूटा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे हम पर आरोप लगा रहे हैं।शिंदे ने कहा कि झारखंड में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच वहां की सरकार करेगी। वहीं सुमित ग्रुप एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष सुमित सालुंके ने राउत के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि न तो अमित सालुंके, न ही उनके परिवार और न ही सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड का कोई राजनीतिक संबंध है। एंबुलेंस परियोजना के खिलाफ जनहित याचिका को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया, जिसने निविदा प्रक्रिया की निष्पक्षता को बरकरार रखा।

संजय राउत ने क्या आरोप लगाए
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्य सरकार ने एंबुलेंस की खरीद के लिए एक निविदा जारी की थी और इसका ठेका महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे के करीबी सहयोगी की फर्म को दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि 800 करोड़ रुपये की एंबुलेंस खरीद का ठेका सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड को दिया गया था। इसकी वास्तविक लागत 100 करोड़ रुपये थी, लेकिन राशि बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई थी।उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। सुमित फैसिलिटीज के अमित सालुंके आर्थिक तौर पर श्रीकांत शिंदे के फाउंडेशन की रीढ़ माने जाते हैं। पैसा फाउंडेशन में भेज दिया गया। झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक टीम महाराष्ट्र आई और गुरुवार को शराब घोटाले में अमित सालुंके को गिरफ्तार कर लिया। वह एकनाथ शिंदे और श्रीकांत शिंदे का बेहद करीबी सहयोगी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button