
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है. इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, ताकि पूजा के समय कोई गलती न हो और आपकी पूजा सफलतापूर्वक संपन्न हो सके25 अक्टूबर 2025 से छठ पूजा की शुरुआत हो रही है. इस चार दिवसीय महापर्व आरंभ नहाय-खाय से होता है. इस दिन व्रती महिलाएं नदियों या घर में शुद्ध जल से स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं और भोग बनाती हैं. इस दिन कद्दू या लौकी से तरह-तरह के व्यंजन बनाए
नहाय-खाय के दिन किन नियमों का पालन करें?
- नहाय-खाय के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए. छठ पूजा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है.
- इस दिन नदी, तालाब, पोखर या अन्य जलाशय में स्नान करना शुभ माना जाता है.
- यदि स्नान के लिए बाहर जाना संभव न हो तो घर पर ही स्वच्छ जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए.
- स्नान के बाद पूजा करें.
- पूजा संपन्न होने के बाद भोजन बनाना प्रारंभ करें.
- भोजन बनाने के लिए केवल शुद्ध और सात्विक वस्तुओं का उपयोग करें.
- इस दिन साधारण नमक का उपयोग नहीं किया जाता है. व्रती महिलाएं भोजन बनाने में सैंधा नमक का प्रयोग करती हैं.
- भोजन बनाने के लिए प्रयुक्त बर्तन पूरी तरह स्वच्छ और पवित्र होने चाहिए.
- इस दिन कद्दू से तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं.
- भोजन तैयार होने के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य देव और छठी मैया को भोग लगाएं.
- भोग लगाने के बाद पहले व्रती स्वयं भोजन ग्रहण करें, उसके बाद घर के अन्य सदस्यों को दें.
छठ पूजा के समय क्या नहीं करना चाहिए?
- छठ पूजा के दौरान घर में किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तु नहीं रखनी चाहिए.
- इस समय घर में गंदगी रखना अत्यंत अशुभ माना जाता है.
- पूजा के दिनों में गुस्सा करना शुभ नहीं होता.
- इन दिनों अपशब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए.
जाते हैं. आइए जानते हैं इस दिन किन नियमों का पालन करना आवश्यक है
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