मध्य प्रदेश

एनआईटीटीटीआर भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

समग्र, सर्वांगीण और राष्ट्रीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा ही समय की मांग — डॉ. अतुल कोठारी विकसित भारत के निर्माण में मील का पत्थर बनेगी शिक्षा नीति — डॉ. अतुल कोठारी"

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत, शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव की दिशा में कई पहल की जा रही हैं। इसी कड़ी में, एनआईटीटीटीआर भोपाल और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: पॉलीटेक्निक शिक्षा में नवाचार एवं क्रियान्वयन” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा हे। कार्यशाला का उद्घाटन कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अतुल कोठारी, सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली इस अवसर पर डॉ. अतुल कोठारी ने कहा की शिक्षा का हर वर्ग हर परिवार से जुड़ाव होता हे। राष्ट्रीयता से भरपूर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 समग्र ,सर्वांगीण ,ज्ञान,कौशल,चरित्र विकसित करने बाली हे जो विकसित भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: भारतीयता और आधुनिकता का संगम हे।एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रोफेसर चन्द्र चारू त्रिपाठी ने संस्थान द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीत्ति के अनुरूप बिभिन्न राज्यों के लिए तैयार किये गए पाठ्क्रम की बिस्तृत जानकारी देते हए कहा की हम सभी को मिलकर इसके क्रियान्वयन में योगदान देना हे। इस कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय विकास के संदर्भ में पॉलिटेक्निक शिक्षा की भूमिका को सुदृढ़ करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम संरचना, उद्योग-आधारित परियोजनाओं और नवाचार को पाठ्यक्रम में एकीकृत करना तथा सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान को सुदृढ़ करना है। विशिष्ट अतिथि प्रो राजीव त्रिपाठी, कुलगुरु ,आरजीपीवी भोपाल ने कहा की आज स्टूडेंट को क्रिएटिव एवं संवेदनशील बनाना शिक्षक का दायित्व हे।मुख्य अतिथि प्रो एस.डी. सप्रे ने भारतीय ज्ञान परम्परा एवं शिक्षा नीति पर बोलते हुए कहा की तकनीकी पुस्तकों का लेखन व अनुवाद हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषाओँ में होना अनिवार्य हे। शिक्षकों एवं चिकित्सकों का समाज में बहुत सम्मान हे उनकी बात समाज सुनता एवं अमल करता हे।इस कार्यशाला में देशभर के सभी राज्यों के तकनीकी शिक्षा निदेशक, प्राचार्य और नीति-निर्माता शिक्षक सहित 200 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।कार्यशाला में डॉ. आर.के. दीक्षित, प्राध्यापक, एनआईटीटीटीआर भोपाल डॉ. नितेश पुरोहित, निदेशक, एस.जी.एस.आई.टी.एस. इंदौर , प्रो. अंजू रौले और डॉ. जे.पी. टेगर , प्रो सुब्रत रॉय ,प्रो अस्मिता खजांची ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button