खबरमध्य प्रदेश

दो स्कूल की शिक्षिकाओं द्वारा ग़रीब ,आदिवासी पिछड़े बच्चों को शिक्षा से वंचित किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई

अधिशेष शिक्षक की स्थापना की त्वरित निष्पक्ष जांच के लिए रायसेन में जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन दिया

भोपाल। अतिशेष शिक्षकों के मामले में अलग अलग तरह की गड़बडी और शिकायत सामने आ रही है। ऐसे ही एक मामले में भोपाल के संभागीय संचालक लोक शिक्षण अरविंद चौरगडे (जेडीई) ने जिला शिक्षा अधिकारी की जांच के निर्देश दिए हैं। जेडीई ने डीईओ से इसकी रिपोर्ट बुलाई है। दरअसल खरबई स्थित मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षिका गीता धूसिया को अतिशेष बताकर उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। गीता धुसिया ने इसकी शिकायत आयुक्त लोक शिक्षण सहित अन्य अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने स्कूल की अन्य महिला शिक्षिकाओं की पदस्थापना, सेवानिवृत्ति, अवकाश सहित अन्य स्थिति का उल्लेख किया था। दो महिला शिक्षिकाओं शाकरा जलाली और जरीन फातिमा द्वारा किए जा रहे अन्याय के बारे में भी बताया था। गीता धुसिया की परेशानी को लेकर अपाक्स इसी के आधार पर संयुक्त संचालक ने डीईओ को जांच के निर्देश दिए हैं।
आज इसी संदर्भ में रायसेन जिला शिक्षा अधिकारी को संभागीय अध्यक्ष हीरानंद नरवरिया के नेतृत्व में एक स्मरण पत्र दिया गया है जिसमें उन्होंने मांग की है जिन बच्चों को सलमा प्रवेश नहीं दिया गया है उनकी निष्पक्ष जांच कर कर दोषियों की कड़ी कार्रवाई की जाए और जो अधिशेष में महिला शिक्षिका श्रीमती गीता धूसिया को जानबूझकर अधिशेष में लाया गया है उनका ट्रांसफर निरस्त कर वापस उसी स्कूल में लिया जाए।
संलग्न ज्ञापन की जांच कर निराकरण करते हेतु आज दिनांक तक जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन द्वारा जांच संस्थापित नहीं की गई है शिक्षकों के विधि विरुद्ध किए गए अतिशेष स्थानांतरण से आती शोषण गरीब अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु बच्चों को प्रवेश न देकर समुचित और शिक्षण व्यवस्था नहीं की जन शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का खुला उल्लंघन है इस हेतु निष्पक्ष जांच कर तत्काल दोषियों को दंडित करते हुए न्याय संगत कार्रवाई करने की मांग की है।

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