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गोंड पेंटिंग से प्रकृति के विभिन्न रूपों को किया पेश

गोंड पेंटिंग से प्रकृति के विभिन्न रूपों को किया पेश
रविंद्र भवन में जुटे प्रदेश के सैकड़ों गोंडी चित्रकार
भोपाल, 9 मई। राजधानी स्थित रविंद्र भवन में तीन दिवसीय जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है । यहां पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए गोंडी कलाकार अपनी पेंटिंग कला और हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं।  डिंडोरी से आए धावत सिंह उइके ने बताया कि वह गोंड ट्रेडिशनल, परंपरा और कला को पेश कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि वो पेंटिंग के माध्यम से पेड़ पौधों से जुड़ी कहानियां पेश कर रहे हैं। धावत सिंह ने कहा कि वह 15 साल से पेंटिंग से जुड़े हुए हैं।
वही डिंडोरी से ही आए ख्यात चित्रकार दिलीप श्याम ने बताया कि वह 25 सालों से गोंडी पेंटिंग से जुड़े हैं और इस विधा को आगे बढ़ा रहे हैं। श्याम ने कहा कि आज हमारी गोंडी चित्रकला को जी आई टैग मिला है, इससे हमें बहुत खुशी है क्योंकि कोई भी हमारी कला की नकल नहीं कर पाएगा जो भी नकल करने का प्रयास करेगा हम यह जी आई टैग के माध्यम से उसका विरोध करेंगे । उन्होंने कहा कि पेंटिंग ही हमारी आजीविका का साधन है ।यही हमारी कला और संस्कृति की पहचान है।  दिलीप श्याम ने कहा कि हम जनजातीय संग्रहालय, भारत भवन और वन्या प्रकाशन के माध्यम से पेंटिंग भेजते हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में जहां भी प्रदर्शनी लगती है लगाई जाती है हम अपनी पेंटिंग वहां भी प्रदर्शित करते हैं।  इसके अलावा विदेश जैसे अमेरिका में भी हम पेंटिंग की बिक्री करते हैं । उन्होंने कहा कि एक पेंटिंग एक हजार से 15 000 रुपए तक में बिक जाती है। हमारी पेंटिंग में प्राकृतिक कलर का इस्तेमाल किया जाता है । वहीं गोंडी चित्रकार संतोष सिंह श्याम ने कहा कि सरकार को फ्लेक्स पर रोक लगा देनी चाहिए,  क्योंकि लोग फ्लेक्स को ही पेंटिंग की तरह इस्तेमाल करते हैं ,इससे कलाकारों की आजीविका पर असर पड़ता है।  साथ ही फ्लेक्स लगा देने से हाथ की कला प्रभावित हो रही है और कलाकारों की कला और आजीविका छीनी जा रही सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए।

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