वेदमंत्रो से गूंजा वेदवाती ग्राउंड, 24 कुण्डीय यज्ञ के देव आव्हान, और पूजन हेतु पधारे 100 जोड़े

भोपाल अवधपुरी के वेदवती ग्राउंड में मंगल कलश यात्रा के माध्यम से शुरू हुए 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का द्वितीय दिवस आज देव आव्हान का रहा. यज्ञ मे शांतिकुंज हरिद्वार से पधारी विद्वान टोली के सदस्यों ने वैदिक मंत्रो के माध्यम से संगीतमय स्वरों के साथ देवताओं का आव्हान किया. टोली नायक श्री प्रमोद बारचे ने यज्ञ के कर्मकांड को ऋषियों की पाठशाला बताया. प्रातः 08 बजे प्रारम्भ हुए देवपूजन मे 110 जोड़ो ने भाग लिया.उन्होंने कहा कि यज्ञ एक जीवन जीने की कला है. प्रकृति का हर घटक और प्रत्येक जीव, बनस्पति आदि दूसरों को सदैव देते रहते हैं यही यज्ञ का दार्शनिक पक्ष है.
उन्होंने यज्ञ के वैज्ञानिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ से पर्यवारण शुद्ध होता है और मानव की तमाम तरह की आधि, व्याधि का समन होता है. इस अवसर पर उन्होंने मानव जीवन मे 16 संस्कारों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य को देवताओं के समान श्रेष्ठ व्यक्तित्व बनाने के लिए यज्ञ पिता और गायत्री माता के दर्शन और क्रिया पक्ष को अपनाना ही होगा. कल 20 अप्रेल प्रातः 24 कुण्डीय यज्ञ मे गर्भवती माताओं के पुंसवन और बच्चों के नामकरण, अन्नपप्रासन, मुंडन, दीक्षा आदि संस्कार निःशुल्क कराये जावेंगे और सांयकाल दीपयज्ञ मे हज़ारों दीपकों की अनुपम छठा से वेदवती ग्राउंड जगमगायेगा. कार्यक्रम के संयोजक श्री गजानंद घिड़ोड़े ने अवधपुरी के समस्त भाई बहिनों से महायज्ञ मे भाग लेने का भावभारा अनुरोध किया है.