
हैदराबाद: इंडियनऑयल अडानी वेंचर्स लिमिटेड (IAVL) ने वॉक्ससेन यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो किसी भी शैक्षणिक संस्थान के साथ कंपनी की पहली औपचारिक साझेदारी है। यह रणनीतिक सहयोग नवाचार, कार्यकारी शिक्षा और अनुप्रयुक्त शोध के ज़रिए उद्योग और अकादमिक क्षेत्र के बीच संबंधों को मजबूत करेगा।
यह समझौता IAVL के सीएफओ और निदेशक (वित्त) श्री मनोज कुमार बोराड़ और वॉक्ससेन यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. राउल वी. रोड्रिग्ज के बीच हुआ। यह सहयोग अनुसंधान परियोजनाओं, प्रबंधन प्रशिक्षण और छात्रों व पेशेवरों के लिए उद्योग अनुभव पर केंद्रित रहेगा।
साझेदारी के तहत दोनों संस्थानों के छात्र और शोधकर्ता संयुक्त शोध परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिनमें वॉक्ससेन और IAVL की सुविधाओं और अधोसंरचना का उपयोग किया जाएगा। इन परियोजनाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उभरती तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिन्हें वॉक्ससेन के AI रिसर्च सेंटर और रोबोटिक्स लैब के सहयोग से IAVL के व्यावसायिक कार्यों में लागू किया जाएगा।
डॉ. राउल वी. रोड्रिग्ज ने कहा, “यह साझेदारी हमारे उस संकल्प को दर्शाती है जिसमें हम अकादमिक शिक्षा को वास्तविक, स्थायी प्रभाव के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। IAVL के साथ मिलकर हम तेल और गैस क्षेत्र का भविष्य AI के ज़रिए फिर से परिभाषित करना चाहते हैं।”
IAVL, वॉक्ससेन के छात्रों के लिए इंटर्नशिप और उद्योग भ्रमण की सुविधा देगा जिससे उन्हें प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा। साथ ही, वॉक्ससेन यूनिवर्सिटी IAVL कर्मचारियों के लिए कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम भी विकसित करेगी, जिनमें जनरल मैनेजमेंट और तकनीकी मॉड्यूल शामिल होंगे, जो टर्मिनलिंग, निर्माण सेवाओं और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जाएंगे।
इस साझेदारी के तहत वर्कशॉप, सेमिनार और गेस्ट लेक्चर जैसे नॉलेज शेयरिंग प्लेटफॉर्म भी आयोजित किए जाएंगे। दोनों संस्थानों के विषय विशेषज्ञ इन सत्रों में भाग लेंगे जिससे व्यावहारिक और पारस्परिक सीख को बढ़ावा मिलेगा।
वॉक्ससेन यूनिवर्सिटी, IAVL के संचालन पर आधारित केस स्टडीज़ भी विकसित करेगी, जिनमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ये केस स्टडीज़ छात्रों को व्यवसाय की वास्तविक समय में जटिलताओं और रणनीतिक निर्णयों की गहरी समझ देंगी।
यह समझौता भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी प्रगति और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए अकादमिक उत्कृष्टता और औद्योगिक अनुभव के संयोजन की दिशा में एक अग्रणी कदम है।