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वक्फ संशोधन विधेयक बना कानून, संसद के बाद राष्ट्रपति मुर्मू की भी मंजूरी

संसद के दोनों सदनों में मैराथन चर्चा के बाद यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट विधेयक (उम्मीद) 2025 राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को शनिवार देर रात अपनी मंजूरी दे दी। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सरकार ने अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित कर दिया।  इस विधेयक को लोकसभा ने 3 अप्रैल और राज्यसभा ने चार अप्रैल को पारित किया था। इस कानून में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इस कानून में कई प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इसके तहत वक्फ बोर्ड अब किसी भी संपत्ति पर मनमाने तरीके से दावा नहीं कर सकता है। विवाद की स्थिति में अदालत में भी चुनौती दी जा सकती है और पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाला ही वक्फ को संपत्ति दान कर सकता है। इसके साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) बिल 2024 को भी राष्ट्रपति मुर्मू ने मंजूरी दे दी है।इसके अलावा आदिवासी बहुल राज्यों और इलाकों में जमीन सहित अन्य संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा वक्फ की ऐसी संपत्ति जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, उसको बचा पाना मुश्किल होगा।

बीते साल लोकसभा में पेश किया गया फिर जेपीसी के पास भेजा गया
केंद्र ने इस विधेयक को पिछले साल अगस्त को लोकसभा के सामने रखा था। हालांकि, बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। जेपीसी ने करीब छह महीने तक विधेयक पर मिले संशोधन के सुझावों पर विचार किया और 27 जनवरी को इसे फिर से संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। एक महीने बाद ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी। इसके बाद पहले इसे लोकसभा और फिर राज्यसभा में पेश किया गया। इसके जरिए सरकार ने वक्फ कानून, 1995 में संशोधन किया है।

लोकसभा में रात 1.56 बजे तो राज्यसभा में  2:30 के बाद  ऐसे पारित हुआ संशोधन बिल

वक्फ संशोधन विधेयक-यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पावरमेंट एफिशिएंसी एंड डवलपमेंट (उम्मीद) पर 13 घंटे  की लंबी चर्चा के बाद बृहस्पतिवार देर रात 2:30 के बाद राज्यसभा ने अपनी मुहर लगाई थी।  राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर फैसला ध्वनि मत से नहीं, बल्कि मत-विभाजन से किया गया था। वोटिंग के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के पक्ष में 128 सांसदों और 95 सांसदों ने विपक्ष में मतदान किया था। लोकसभा की तरह उच्च सदन ने भी विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज हुए। उससे पहले, लोकसभा ने बुधवार रात करीब 1.56 बजे वक्फ संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया था। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई थी।

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