खबरमध्य प्रदेश

जब रणनीति ने आत्मा से मुलाकात की: दृष्टिबाधितों के लिए आयोजित 18वीं राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता में दर्पण ईरानी बने विजेता, मेज़बानी की साई इंटरनेशनल ने

National, 9 अप्रैल 2025: पूर्वी भारत की अग्रणी के-12 शैक्षिक संस्था साई इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप ने गर्वपूर्वक एआईसीएफबी (ऑल इंडिया चेस फेडरेशन फॉर द ब्लाइंड) एवं ओसीएवीसी (ओडिशा चेस एसोसिएशन फॉर द विजुअली चैलेंज्ड) के सहयोग से दृष्टिबाधितों के लिए 18वीं राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता की सफल मेज़बानी की। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 2 अप्रैल से 6 अप्रैल 2025 तक आयोजित हुई, जिसमें ओडिशा सरकार के खेल एवं युवा सेवा विभाग तथा प्रोचेस्ता का सहयोग रहा।
प्रतियोगिता के रोमांचक समापन में गुजरात के दर्पण ईरानी ने किसन गंगोली को टाई-ब्रेक के आधार पर पछाड़ते हुए राष्ट्रीय विजेता का खिताब हासिल किया। दोनों खिलाड़ियों ने समान रूप से 7.5 अंक अर्जित किए थे। इस बार कुल 54 प्रतिभागियों (52 पुरुष एवं 2 महिला) ने हिस्सा लिया, जो देश के 15 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से आए थे। प्रतियोगिता में आर्यन बी जोशी, सौंदर्य कुमार प्रधान, मिलिंद सामंत जैसे शीर्ष खिलाड़ी भी शामिल हुए।
शीर्ष पाँच विजेताओं की सूची इस प्रकार रही:विजेता – दर्पण ईरानी,, द्वितीय स्थान – किसन गंगोली, ततीय स्थान – आर्यन बी जोशी, चतुर्थ स्थान – सौंदर्य प्रधान, पंचम स्थान – मिलिंद सामंत| छठे से दसवें स्थान पर रहे खिलाड़ियों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विशेष सम्मान व पुरस्कार प्रदान किए गए।
प्रतियोगिता के दौरान साई इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित हुआ, जहाँ आध्यात्मिक चिंतक, विद्वान एवं मानवतावादी डॉ. चंद्र भानु सत्पथी ने विजेताओं को प्रेरित किया और सम्मानित किया। इनमें सौंदर्य प्रधान, किसन गंगोली, आर्यन बी जोशी और दर्पण ईरानी शामिल थे, जिन्होंने विश्व टीम चैंपियनशिप 2022 एवं एशियन पैरा गेम्स जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का गौरव बढ़ाया है।
इस अवसर पर डॉ. चंद्र भानु सत्पथी ने कहा,
“इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अडिग इच्छाशक्ति और बौद्धिक क्षमता वास्तव में प्रेरणादायक है। शतरंज केवल एक खेल नहीं, बल्कि रणनीति, धैर्य और संकल्प का प्रतीक है, जिसे इन खिलाड़ियों ने adversity के बावजूद सिद्ध किया है। यह प्रतियोगिता इस बात का प्रतीक है कि सबसे बड़ी शक्ति मन और आत्मा में होती है। साई इंटरनेशनल, एआईसीएफबी और ओसीएवीसी को इस समावेशी पहल के लिए धन्यवाद, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
6 अप्रैल को आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में श्री दीपांकर मोहापात्र (आईएएस), निदेशक, खेल एवं युवा सेवा विभाग, ओडिशा सरकार, और श्री अमिताभ अग्निहोत्री, प्राचार्य, साई रेजिडेंशियल स्कूल, विशेष अतिथि रहे। मुख्य निर्णायक की भूमिका में श्री एम मंジュनाथ उपस्थित थे, जिन्हें के. आर. प्रधान एवं पिंकी मोहापात्र का सहयोग प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का समापन प्रचुर्य प्रधान द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।
प्रतियोगिता की सफलता के उपरांत साई इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप की अध्यक्ष डॉ. शिल्पी साहू ने कहा,
“साई इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप के लिए यह गौरव का विषय है कि हमें दृष्टिबाधितों के लिए आयोजित 18वीं राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता की मेज़बानी करने का अवसर मिला। यह केवल प्रतियोगिता नहीं थी, यह सीमाओं को तोड़ने, समावेशन को अपनाने और मानव आत्मा की अजेय शक्ति का उत्सव था। हमारे संस्थापक डॉ. बिजय कुमार साहू इस विश्वास के प्रतीक थे कि शिक्षा और खेल जीवन को बदल सकते हैं। यह आयोजन उनकी उस दृष्टि को समर्पित था जिसमें हर व्यक्ति को समान अवसर देने की बात कही गई थी।”
यह प्रतियोगिता केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि संघर्ष, प्रतिभा और अडिग मानव आत्मा का एक ज़ोरदार उत्सव थी, जो भारत में समावेशी खेल संस्कृति की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button