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CRPF में युद्धभूमि में वीरगति पाने वाले बेतार कार्मिक एक पद में 20 वर्ष तक रहने पर मजबूर

बार-बार आग्रह के बाद भी CRPF द्वारा अनदेखा किया जा रहा है

नयी दिल्ली।दुनिया के सबसे बड़े अर्ध सैनिक बल CRPF के बेतार कार्मिक अपने साथ कथित सिग्नल कैडर के नाम पर हो रहे शोषण /छलावे से परेशान हो कर समय से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जाने को मजबूर कारण समय पर पदोन्नति ना होना , काम वेतन मान और उससे बड़ा कारण जूनियर कार्मिक का सीनियर हो जाना ! CRPF के सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर /रेडियो ऑपरेटर अरुण कुमार राणा संपादक से बात करते हुए बताया कि CRPF बेतार कार्मिकों की प्रमोशन की दयनीय स्थिति है हवलदार /रेडियो ऑपरेटर 20 वर्ष तक एक ही रैंक में रह रहा है जबकि CRPF के संवेदनशील इलाकों में ऑपरेशन में जीडी की टुकड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सभी अभियानों में मोर्चा संभालता है आश्चर्य की बात यह है कि इनके अलावा जो कार्मिक कैंप में एडमिनिस्ट्रेशन कार्य करने वाले कार्मिक जैसे MINISTERIAL STAFF , TECHNICIAN STAFF , CRYPTO STAFF इनका प्रमोशन भी रेडियो ऑपरेटर से बहुत बेहतर है जबकि इनकी ड्यूटी कैंप की चारदीवारी के अंदर ही रहती है संवेदनशील इलाकों में भी इनका जीवन सुरक्षित रहता है और जीवन में जोखिम भरी ड्यूटी न होने के कारण भी इनका प्रमोशन रेडियो ऑपरेटर से बेहतर है जबकि रेडियो ऑपरेटर अति संवेदनशील इलाकों में नक्सली मुठभेड़ में वीरगति भी पा रहे हैं और पुलिस मेडल भी प्राप्त कर रहे हैं , दुश्मन के खिलाफ मोर्चा संभालने में CRPF के ऑपरेशन को सफल बनाने में भूमिका रखते हैं अभी तक काफी रेडियो ऑपरेटर अपना कर्तव्य निर्वाहन करते हुए युद्ध भूमि में शहीद भी हो चुके हैं इस पुरे मामले को माननीय महानिर्देशक महोदय CRPF के संज्ञान मे लाने की कई बार कोशिश की पर बिडंबना देखिये कि माननीय महानिर्देशक महोदय CRPF ने भी कभी हकीकत जानने की कोशिश नहीं की , क्योकि सारा मामला निचली रैंक के कार्मिको का था मजबूर होकर सूचना का अधिकार (RTI) का सहारा लेना पड़ा की वाकई मे सिग्नल कैडर है या वर्षो से सिर्फ सिग्नल कैडर के नाम पर भोले -भाले कार्मिको के साथ धोखा किया जा रहा , जवाब आया कि इस प्रकार का कोई भी सिग्नल कैडर हमारे सज्ञांन मे नहीं है ! CRPF द्वारा 2017 मै प्रकाशित HUMAN RESOURCE IN CRPF नामक किताब मै भी इस काल्पिनक /कथित सिग्नल कैडर का कोई जिर्क नहीं है इस कथित और आत्मघाती सिग्नल कैडर के चलते कनिष्ठ कार्मिक वरिष्ठ बन जाता है और उससे उच्च योग्यता वाला बेतार कार्मिक कनिष्ठ बन जाता है और फिर शुरू हो जाता है मानसिक शोषण का सिलसिला और जबकि केंद्र सरकार के आदेश है कि हर कार्मिक नियत समय पर पदोन्नति दी जाये II सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर /रेडियो ऑपरेटर अरुण कुमार राणा स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति का मुख्य कारण यही था कि मेरे से जूनियर कार्मिक मेरे से सीनियर हो गए इसकी वजह से मैं हमेशा मानसिक शोषण का शिकार होता रहा क्योंकि फोर्स में जूनियर सीनियर नहीं हो सकता है लेकिन CRPF रूल 1955 के विपरीत, CRPF मेरे कनिष्ठ को वरिष्ठ बना रहे हैं और रेडियो ऑपरेटर के प्रमोशन की उपेक्षा की जारी है मेरा डीजी महोदय से यही निवेदन है की रेडियो ऑपरेटर के प्रमोशन का इस तरह से अनुपात बनाया जाए की कोई भी जूनियर कार्मिक सीनियर ना बन सके और जो एडमिनिस्ट्रेशन के कार्य करते हैं जिनका जीवन खोने का जोखिम बिल्कुल कम है जैसे मंत्रालय कार्मिक , क्रिप्टो , MINISTERIAL STAFF , TECHNICIAN STAFF , CRYPTO STAFF उनसे बेहतर प्रमोशन का अनुपात तैयार किया जाना चाहिए मैं स्वयं उस मानसिक शोषण का शिकार हुआ और मुझे मजबूरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी हालांकि मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी अगर आज भी मुझे ससम्मान मेरा रैन्क दिया जाए तो मैं ज्वाइन करने के लिए तैयार हुं ll

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