भगवान बुद्ध के संदेश और शिक्षाओं से ही विश्व शांति संभव-डॉ. चंद्र प्रकाश गोलाई

भोपाल । राजधानी स्थित करुणा बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध की त्रिगुणी पूर्णिमा बड़े धूमधाम से मनाई गई। यहां पर सुबह से लेकर रात 10 बजे तक विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बुद्ध भूमि महाविहार के अध्यक्ष डॉक्टर चंद्र प्रकाश गोलाई ने त्रिगुणी पूर्णिमा पर कहा कि भगवान बुद्ध पहले सिद्धार्थ थे । उन्होंने अपना परिवार और राज पाट त्यागकर संन्यास लिया। उन्होंने कहा था कि जन्म वृद्धावस्था और बीमारी यह सब सत्य है। तथागत बुद्ध ने 6 साल तपस्या की इसके बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ और दुनिया को शांति अहिंसा प्रज्ञा का संदेश दिया ।बुद्ध ने कहा कि हमें युद्ध नहीं चाहिए। उन्होंने अहिंसा पर जोर दिया। तथागत बुद्ध ने कहा था कि युद्ध में बेकसूर जनता मारी जाती है ।यदि किसी वस्तु का आप निर्माण नहीं कर सकते, पैदा नहीं कर सकते तो उसे खत्म करने का आपको अधिकार नहीं है ।डॉक्टर चंद्र प्रकाश ने कहा कि भगवान बुद्ध को ज्ञान और परिनिर्वाण भारत में ही हुआ । उन्हें पता था कि वह निश्चित समय पर देह त्याग करेंगे । इसलिए उन्होंने पहले संदेश सारनाथ में दिया था उन्होंने इसी दौरान पांच भिक्षुओं को प्रज्ञा सील और करुणा का संदेश दिया, जो आज विश्व भर में प्रसारित किया जा रहा और फैला हुआ है।