प्रभु की अनन्त गुणों की आराधना हमें पूज्य बना देती है
पूजन से मन निर्मल आचरणपवित्र हो जाता है-आचार्य विनम्र सागर महाराज
पूजन शिविर में उमड़ा भक्ति का सैलाब
भोपाल। शहर के जैन मंदिरों में संतों के चातुर्मास के दौरान ज्ञान की गंगा बह रही है। मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ संतो के आशीषवचन हो रहे है। नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम्र सागर महाराज के सानिध्य में पूजा प्रशिक्षण शिविर के दौरान श्रद्धालु प्रभु की भक्ति आराधना कब क्यों कैसे और पूजा अष्ट द्रव्य से क्यों करते हैं आदि अपनी शंका समाधान के द्वारा आचार्यश्री के मुखारविन्द से सीख रहे हैं। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया जिनालय परिसर में भव्य पाण्डुशिला बनाई गई है जिस पर प्रभु को विराजमान कर संगीतमय स्वर लहरियों के साथ भजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं ने आराधना की। कुण्डलपुर नगरी में जन्म महावीर आओ सखियां झुलाये प्रभु को पालना। केसरिया केसरिया आज हमारो मन भयो केसरिया आदि भजनों पर सभी ने झूम-झूम कर भक्ति की। आचार्य श्री विनम्र सागर महाराज ने आशीषवचन में कहा प्रभु की पूजन हमें पूज्य बना देती है। प्रभु की भक्ति हमारे अंदर के विकल्पों को दूर कर अंतरंग और बहिरंग को उल्लास और खुशियों से भर देती है। भक्ति से मन निर्मल होता है और मन के निर्मल होने से हमारे अंदर सरलता, नम्रता और विनम्रता के गुण आ जाते हैं। आचार्य श्री पंक्तियां गाते हुये जो प्रभु के गुण गाता है …. अपना भाग्य बनाता है सभी सुखों को पाता है। अर्थात् जो भगवान के गुणों की वंदना करता है, पूजन करता है उसे इन्द्र की तरह सारे ईश्वर प्राप्त हो जाती है। मीडिया प्रभारी अंशुल जैन ने बताया संघस्त आर्यका विमुदश्री माताजी के अवतरण दिवस के अवसर पर शिवादेवी बहुमंडल की महिला सदस्यों ने जीवन को सयंममय बनाने के लिये कुछ संकल्प लिये और माताजी की वंदना की। इस अवसर पर श्रीमती श्वेता सृष्टि, आरती, शिल्पा, भावना, पायल, गजल, रूबी, स्वाति, वैशाली आदि मौजूद थीं। अनुष्ठान के प्रमुख पात्र पं. सुदर्शन लाल, विपिन-विनीता सिंघई चक्रवर्ती, विमल-सुनील -सीमा सिंघई सौधर्म इन्द्र, प्रकाश-पंकज-प्रियंका कुबेर, नरेन्द्र-चंदा यज्ञनायक, प्रदीप-रवीना-ईशान इन्द्र, अशोक पुनीत आरएस, सनद कुमार इन्द्र द्वारा श्रीफल अर्पित कर सभी के मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष एड. विजय चौधरी, पदेन अध्यक्ष प्रमोद चौधरी एडवोकेट, पंकज इंजी., डॉ. सर्वज्ञ, राजीव गेहूँ, विवेक चौधरी, मनोज बबलू, निर्मल मुनीम, राकेश सलामतपुर, इंजी. सौरभ जैन, एम.एल. जैन, मनोज जैन मधुर, शीलचंद लचकिया, सुनील पब्लिसर्स, अजय ज्योतिष, संतोष जैन, टीटू लचकिया, जीतू सिलवानी, पंकज जैन, आलोक जैन, राकेश मावा सहित अनेक धर्मावावलंबी मौजूद थे।