मीडियाकर्मियों से बागसेवनिया थाने में पुलिस द्वारा मारपीट मामले में डीजीपी से लिखित शिकायत
जन सुनवाई के नोडल अधिकारी व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) ने पीड़ित को सुना। डीजीपी के ओएसडी मलय जैन भी जन सुनवाई में रहे उपस्थित
बागसेवनिया थाना भोपाल के पुलिसकर्मियों द्वारा दो मीडियाकर्मियों से मारपीट, अभद्रता और एफआईआर ना लिखे जाने के मामले में मंगलवार को पीड़ित अमित पाठे पवार ने पुलिस महानिदेशक से शिकायत की। जहांगीराबाद स्थित मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक द्वारा आयोजित होने वाली ‘जन सुनवाई’ में पीड़ित ने बागसेवनिया थाने के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की लिखित शिकायत (क्रमांक 52/25 07.01.2025) की। पुराने पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के नोडल अधिकारी व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) डी.सी. सागर और डीजीपी के ओएसडी मलय जैन की उपस्थिति में फरियादी ने अपनी बात रखी एवं लिखित शिकायत दर्ज करवाई। पीड़ित ने आवेदन में लिखा कि 1 जनवरी 2025 की रात करीब 12.30 बजे होशंगाबाद रोड स्थित दानिश नगर चौराहे के पास खड़ी उनकी पार्क खड़ी कार एमपी 48 सी 5262 को लाल रंग की ह्यूंदै आई-10 कार क्रमांक यूपी 78 ईबी 8325 ने साइकल ट्रैक से रिवर्स लेते हुए पीछे से टक्कर मार दी। इससे फरियादी की कार पर सामने की तरफ से क्षतिग्रस्त हुई। जब यह दुर्घटना हुई तब फरियादी और उनके द सूत्र में न्यूज एंकर मित्र राम कृष्ण गौतम दानिश नगर चौराहे के समीप दुकान से सामान खरीद रहे थे। जब फरियादी ने दुकान से दुर्घटना होते देखा तो दौड़कर कार के समीप आया और आरोपी की कार और उसका फोटो खींचा। आरोपी ने भागने की कोशिश की। रोके जाने पर गाली-गलौज और अभद्रता करते हुए धमकी दी। उसी वक्त वहां मिसरोद थाने से बाइक गस्त करते पुलिसकर्मी आए और उन्होंने बताया कि दुर्घटना स्थल बागसेवनिया थाने में आता है। फरियादी ने बागसेवनिया जाकर दो पुलिसकर्मी अपनी कार में बैठाकर दुर्घटना स्थल तक लाया। दोनों पुलिसकर्मी आरोपी की कार में बैठे और करीब आधा घंटा बाद बागसेवनिया थाने पहुंचे। वहां आरोपी जिसने अपना नाम नितेश मिश्रा बताया उसने शिकायत डेस्क पर बैठे पुलिसकर्मी से किसी व्यक्ति से बात करवाई और पुलिस ने आरोपी का नाम और गाड़ी नंबर लेकर उसे घर जाने को कह दिया। साथ ही आरोपी और उन दोनों का ब्रेथ एनलाइजर और सरकारी अस्पताल में मेडिकल करवाने की बात कही ताकि आरोपी आरोपी के नशे में होने का तथ्य सामने आ सके।इसके बाद आरोपी पुलिसवालों की उपस्थिति में वहीं पीड़ित से अभद्रता और गाली-गलौच करने लगा। इसका पीड़ित ने विरोध किया और पुलिसवालों से आरोपी को समझाइश देने का अनुरोध किया। लेकिन आरोपी लगातार गंदी-गंदी गालियां देकर रौब जमाता रहा। पीड़ित ने आरोपी का गाली देते हुए अपने फोन से वीडियो बनाया। इस पर पुलिसकर्मियों ने पीड़ित से अभद्रता व गाली गलौज करते हुए बेरहमी से पिटाई शुरू कर दिया। पुलिस ने पीड़ित के पत्रकार साथी रामकृष्ण गौतम को भी नहीं छोड़ा। उसकी भी बेरहमी से पिटाई कर दी। रामकृष्ण की नाक से खून आ गया और आंख पर चोट आई। पीड़ित अमित ने बताया कि एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी पुलिस ने दुर्घटना और थाने के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। पीड़ित ने थाने में मारपीट की घटना के कुछ घंटे बाद ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर भी अपनी शिकायत (क्रमांक 30402939) भी दर्ज करवाई है। पीड़ित ने दोनों मामलों में एफआईआर किए जाने का अनुरोध किया है। पीड़ित इस संबंध में भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र, डिप्टी कमिश्नर ज़ोन-2 डॉ. संजय कुमार अग्रवाल और एसीपी डॉ. रजनीश कश्यप से निजी तौर पर मिलकर जांच एवं एफआईआर करवाने का अनुरोध कर चुके हैं। थाने के सी.सी.टी.वी. कैमरे से घटना के वक्त की वीडियो रिकॉर्डिंग के फुटेज निकालकर जांच कर आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
– अमित पाठे पवार, 9993558117